भगवान राम और महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही आगे बढ़ सकता है देश और समाज:सीजेआई बीआर गव‌ई


भगवान राम और महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही आगे बढ़ सकता है देश और समाज:सीजेआई बीआर गव‌ई

धनंजय सिंह | 01 Nov 2025

 

कौशाम्बी।सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई शनिवार को कौशाम्बी के महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कालेज के संस्थापक स्व. देवेंद्रनाथ की स्मृति में आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल हुए।बीआर गवई वार्षिकोत्सव समारोह को बतौर अतिथि संबोधित किया।

जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि भगवान राम और महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही देश और समाज आगे बढ़ सकता है।कौशाम्बी महात्मा बुद्ध की धरती है।पूरी दुनिया में विजय हासिल करने के बाद सम्राट अशोक ने युद्ध नहीं बुद्ध का मार्ग अपनाया था। 

जस्टिस गवई ने कहा कि कौशाम्बी की धरती महात्मा बुद्ध के कार्य के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है।महात्मा बुद्ध ने पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा का संदेश दिया।आदमी कितनी भी बड़ा हो जाए उसे अपनी संस्कृति और परंपरा को नहीं छोड़ना चाहिए,अपनी धरती से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें यहां आने के लिए कई साल पहले भी मौका मिला था,लेकिन उन्होंने कहा था कि सीजेआई बनने के बाद ही यहां आउंगा।आज संकल्प पूरा हो गया है। 

जस्टिस गवई ने कहा कि वकालत के पेश में अच्छी कमाई कर सकते थे,लेकिन सामाजिक और आर्थिक न्याय देने के लिए जज बनने का मौका मिला वह करोड़ों और अरबों से रुपये से ज्यादा महत्व रखता है।आज लोगों को न्याय देकर जो खुशी मिल रही है वह अमूल्य है।उन्होंने बच्चों से कहा कि आप ही देश के भविष्य हैं,कल का भारत कैसा रहेगा यह आपकी शिक्षा और संस्कार के ऊपर निर्भर करता है।अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे तो देश को आगे ले जाएंगे।विविधता में एकता भारत देश का मूल मंत्र है। 

जस्टिस गव‌ई ने कहा कि बच्चों ने भी अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से देश की एकता और अखंडता के लिए प्रेरित किया जो कि काफी सराहनीय रहा।अंग्रेजी,हिंदी और संस्कृत में बच्चों के भाषण ने काफी प्रभावित किया।उन्होंने कहा कि धरती माता के बारे ने लघु नाटिक के माध्यम से पर्यावरण का जो संदेश बच्चों ने दिया है उससे हम सबको सीख लेनी चाहिए।विद्यालय की इमारत कितनी भी अच्छी हो यह मायने नहीं रखता है।विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता क्या है और यहां कैसी शिक्षा दी जा रही है यह विशेष महत्व रखता है। 

जस्टिस गव‌ई ने शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि देश के संविधान में 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्राप्त है।सुप्रीम कोर्ट ने इसे मौलिक अधिकार माना है, इसी संदर्भ पर शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप ही बच्चों को आगे बढ़ाएंगे, यह आप सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में मनोयोग से अपना योगदान दें।

जस्टिस गव‌ई ने कहा कि कुछ ही दिन में सेवानिवृत्त होने वाला हूं।रिटायरमेंट के पहले यहां पहुंच गया बहुत अच्छा लगा। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस विक्रम नाथ, इलाहाबाद विवि की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव समेत अन्य लोगों के प्रति आभार जताया। बता दें कि इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली समेत तमाम न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।


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