खुल गया दुधवा का द्वार,वन मंत्री ने किया पर्यटन सत्र का शुभारंभ,सैलानियों की मुफ्त में जंगल सफारी


खुल गया दुधवा का द्वार,वन मंत्री ने किया पर्यटन सत्र का शुभारंभ,सैलानियों की मुफ्त में जंगल सफारी

धनंजय सिंह | 01 Nov 2025

 

लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में विश्व प्रसिद्ध दुधवा नेशनल पार्क का द्वार शनिवार सुबह सैलानियों के लिए खुल गया है।वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने अधिकारियों के साथ पर्यटन सत्र का उद्घाटन किया।पहली शिफ्ट में सैलानियों ने मुफ्त में जंगल सफारी की।पर्यटन सत्र 15 जून 2026 तक चलेगा।दुधवा में इस बार 14 दिन पहले पर्यटन सत्र की शुरुआत हुई है। 

शनिवार सुबह नौ बजे से पूजा अर्चना शुरु होने के बाद वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने अधिकारियों के साथ पार्क के पर्यटन सत्र का फीता काटकर उद्घाटन किया।इसके बाद पहले दिन निशुल्क जंगल सफारी पर जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।यहां सैलानियों के स्वागत के लिए खड़े राजकीय हाथी को फल भी खिलाए गए। 

उद्घाटन के मौके पर वन मंत्री के साथ विधायक रोमी साहनी, प्रमुख सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन अनिल कुमार,प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वैमुरी, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एफडी दुधवा डॉ. एच राजमोहन, डीडी जगदीश आर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। 

इस मौके पर वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि इस बार दुधवा सैलानियों के लिए एक नवंबर से ही खोला गया है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर दिवाली का सैलानियों को यह तोहफा दिया गया है।हर बार की तरह इस बार भी दुधवा में कई प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही ऑनलाइन बुकिंग के जरिए सैलानी दुधवा का भ्रमण कर सकते हैं। 

वन मंत्री ने कहा कि शुल्क की दरों में कुछ बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सैलानियों के लिए कई नए रूटों को भी खोलने की योजना है।इस बार कतर्निया घाट के निशानगढ़ में भी पर्यटन कराया जाएगा। इसके अलावा पार्क के 63 नंबर रूट पर भी सैलानियों को जंगल सफारी कराई जाएगी। दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी डॉ. एच राजमोहन व डीडी जगदीश आर ने बताया कि दुधवा में शुरुआती दिनों के लिए कई सैलानियों ने हट की बुकिंग एडवांस में करा ली है। अगले सात महीनों तक बुकिंग जारी रहेगी।

बता दें कि दुधवा नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों के लिए इस साल भी फर्स्ट एड बॉक्स जिप्सी में रखने के निर्देश दिए गए हैं।गाइडों को सैलानियों को दुधवा से संबंधित कहानी सुनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है।इसमें दुधवा में पाए जाने वाले सरीसृपों और वन्यजीवों के बारे में बताया जाएगा। पर्यटन सत्र में प्लास्टिक और पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित रहेगा।दुधवा नेशनल पार्क में 25 राजकीय हाथी हैं।इनमें से केवल चार-पांच हाथियों को ही पार्क प्रशासन ने केवल सैलानियों को भ्रमण कराने के लिए रखा है।बाकी हाथियों को गश्त व पेट्रोलिंग के साथ ही चारा लाने व अन्य कामों में इस्तेमाल किया जाता है।पिछले कई पर्यटन सत्रों की तरह इस बार भी किशनपुर के अलावा दुधवा के जंगल में भी सैलानियों को बाघ के दीदार हो सकते हैं।सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में बाघ भी धूप लेने के लिए झाड़ियों और जंगल से निकलकर धूप लगने वाले स्थान पर आते हैं,तब सैलानी आसानी से इनका दीदार कर इनको अपने कैमरों में कैद कर सकते हैं।

बता दें कि दुधवा नेशनल पार्क स्वच्छंद विचरण करते वन्यजीवों के साथ ही अपनी जैव विविधता और पक्षियों की प्रजातियों के लिए सबसे ज्यादा सैलानियों को आकर्षित करता है। यहां 450 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं।हिरनों की पांच प्रजातियां चीतल,सांभर,काकड़,पाढ़ा और बारहसिंघा के अलावा बाघ,तेंदुआ,भालू,सेही,बंगाल फ्लोकिरन भी यहां की शान हैं।मगरमच्छ,घड़ियाल के साथ ही विभिन्न प्रजाति के सरीसृपों का दुधवा में बसेरा है। तितलियों के अतिरिक्त दुधवा पार्क के जंगल में कई अनदेखी प्रजातियां भी रहती हैं। वनस्पति की बात करें तो यहां साल, जामुन, खैर, बहेड़ा, असना समेत कई प्रकार के पेड़ हैं।औषधीय वनस्पतियां भी यहां बड़ी संख्या में पाई जाती हैं। साल और साखू के पेड़ भी यहां की शान हैं और पारिस्थितिकी धरोहर माने जाते हैं। यहां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही जैव विविधता का पूरा मिश्रण भ्रमण करने आने वाले सैलानियों को दिखाई देगा।

दुधवा नेशनल पार्क में आने वाले सैलानियों के लिए 14 थारूहट तथा डॉरमेट्री के साथ ही छह रूम का गेस्ट हाउस रुकने के लिए हैं। दुधवा खुलने के बाद यहां हट और डॉरमेट्री की बुकिंग हो जाने के बाद भी सैलानियों को मायूस नहीं होना पड़ेगा।ऐसा इसीलिए है कि दुधवा से मात्र दस किलोमीटर दूरी पर स्थित पलिया शहर में कई होटलों के साथ सैलानियों के रुकने के लिए रिजॉर्ट आदि की व्यवस्था है। दुधवा मार्ग पर ही कई रिजॉर्ट हैं,जिनमें सैलानी स्टे करके दुधवा की जंगल सफारी का मजा ले सकते हैं। इसके लिए होटल मालिकों ने भी कमरों को व्यवस्थित करने के साथ ही साफ-सफाई का कार्य कराया।

लखनऊ से सड़क मार्ग से सीतापुर,लखीमपुर,पलिया होते हुए दुधवा आ सकते हैं।शाहजहांपुर से खुटार,मैलानी,पलिया होते हुए सैलानी दुधवा पार्क तक पहुंच सकते हैं।बरेली से दुधवा आने के लिए पहले खुटार और उसके बाद मैलानी होते हुए भी पलिया व दुधवा आ सकते हैं। हवाई यात्रा की अगर बात करें तो यहां से सबसे नजदीक का एयरपोर्ट लखनऊ है,जो कि पार्क से 238 किलोमीटर की दूरी पर है।लखनऊ तक फ्लाइट से आकर वहां से निजी वाहनों से दुधवा पार्क पहुंचा आ सकते हैं।


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