सीएलएसए का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार का वैल्यूएशन औसत से अधिक है, इसलिए 2019 में इसकी री-रेटिंग की संभावना नहीं है। उसने कहा है कि कंपनियों के मुनाफे में अगले वित्त वर्ष में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी की संभावना है, लेकिन इसका असर वैल्यूएशन पर पहले ही पड़ चुका है। ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि इसके साथ 2019-20 में भी सरकारी खजाने पर दबाव बना रहेगा।
सीएलएसए ने उन कंपनियों में निवेश करने की सलाह दी है, जिनकी स्ट्रक्चरल ग्रोथ मजबूत रहने की संभावना है और जिनका वैल्यूएशन आकर्षक है। उसके टॉप पिक्स में एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंफोसिस, गोदरेज प्रॉपर्टी, एनटीपीसी और ओएनजीसी शामिल हैं। सीएलएसए ने बताया कि इस साल अधिक से अधिक सिंगल डिजिट में रिटर्न मिल सकता है।