अमृत पाल सिंह, जिम की दुनिया का एक ऐसा नाम है जिसे दिल्ली, ख़ासतौर से ईस्ट दिल्ली में हर वो शख्स जानता है जो इस व्यवसाय से जुड़ा है। अमृत पाल सिंह का पूर्वी दिल्ली के मधु विहार क्षेत्र में डायमंड के नाम से एक बड़ा जिम है जो इस क्षेत्र के सबसे पुराने जिम सेंटर के तौर पर जाना जाता है। अमृतपाल के पिता दर्शन सिंह द्वारा खोले इस जिम ने दिल्ली और देश को कई प्रतिभाशाली वेटलिफ़्टर दिए हैं और ये परंपरा आज भी जारी है। बदलते वक़्त के साथ जिम की दुनिया में क्या परिवर्तन आएँ हैं, इस बारे में अमृत पाल सिंह से ख़ास मुलाक़ात की मनोज बिसारिया ने।
- जिम खोलने का विचार कैसे आया।
उत्तर- जी मेरे परिवार में ही इसकी परंपरा रही है। मेरे बड़े भाई ने जिम खोला, मैं देखता था कि वह किस तरह सुबह जल्दी उठकर चले जाते थे, नौजवानों को ट्रेनिंग देते तो मुझे बड़ा अच्छा लगता। जहाँ व्यायाम होता है, वहाँ नौजवानों के भटकने का तो सवाल ही नहीं उठता तो मुझे लगा कि मुझे भी कोई ऐसा ही काम करना चाहिए जहाँ मैं भी अपना सहयोग कर सकूँ। तो बड़े भाई के आशीर्वाद और पिता के सहयोग से मुझे भी एक जिम खोलने का अवसर मिला।
- जिम में 365 दिन काम होता है जिसमें एकाग्रता की ज़रूरत होती है। निजी ज़िंदगी भी प्रभावित होती है, कैसे तालमेल बिठा पाते हैं।
उत्तर- सही बताऊँ तो अब तो आदत- सी हो गई है। सुबह 5 बजे उठना, 6 बजे जिम आना, फिर 10.30 बजे तक रुकना। शाम फिर 5 बजे से देर रात तक रुकना। हाँ, इतना ज़रूर है कि मैं या तो किसी कार्यक्रम में जा नहीं पाता और अगर जाना होता भी है तो काफ़ी रात हो चुकी होती है। वैसे मेरा परिवार भी, पत्नी भी सब मुझे सपोर्ट करते हैं।
- आपने 22 साल पहले अपना जिम खोला था, तब कितनी पूँजी से आपने शुरुआत की थी।
उत्तर- उस ज़माने में भी मेरे पापा बताते हैं कि कई लाख रुपए लगे थे लेकिन अब अगर कहूँ तो एक अच्छा जिम खोलने के लिए कम से कम 10 लाख रुपए की ज़रूरत पड़ ही जाती है जो इस बात पर निर्भर करता है कि आप मशीनें किस प्रकार की ख़रीदते हैं। मेरे बहुत से साथियों ने अपने-अपने जिम खोले हैं जिनमें वे बतातेहैं कि 50 लाख रुपए तक उन्होंने ख़र्च किए हैं।
- तो क्या जिम खोलना एक महंगा सौदा है...।
उत्तर- मैं कहूँगा, आज की तारीख़ में तो ये बात एकदम सच है क्योंकि अब लोग अपनी फ़िटनेस को लेकर ज़्यादा सतर्क हो गए हैं। अब वे अधिक पैसा ख़र्च करके भी अपने को फ़िट रखना चाहते हैं। लोगों को रिज़ल्ट चाहिए। हमारे पास लोग आकर पूछते हैं कि उन्हें वज़न कम करने में कितने दिन लगेंगे। लोगों को फ़िट रखने के लिए अब जिम सेंटरों में वेट ट्रेनिंग के अलावा स्पा, एरोबिक्स, योग और कई तरह की थैरेपीस पर काम हो रहा है जिसके लिए अलग़-अलग़ ट्रेनर रखने पड़ते हैं। पहले हम 100 लोगों के लिए एक ही ट्रेनर रखते थे लेकिन अब हर हर व्यक्ति अपने लिए पर्सनल ट्रेनर की माँग रखने लगा है। ज़ाहिर है इससे जिम के ख़र्चे भी बढ़ेंगे और फ़ीस भी बढ़ेगी।
- पुरुषों के साथ अब महिलाएँ भी जिम में आ रही हैं, तो बेसिक ट्रेंड में भी बदलाव आया होगा।
उत्तर- जी, बिल्कुल आया है। अब जिमिंग एक तरह का फ़ैशन है, जिसमें हर कोई अपने को फ़िट देखना चाहता है। ये अच्छी बात है कि अब मध्यम-वर्ग की महिलाएँ भी अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरुक हुई हैं। जिम सेंटरों में उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। ट्रेडिशनल जिमिंग के मुक़ाबले उनमें एरोबिक्स, योग और स्पा आदि का रुझान भी है। लेकिन कुल मिलाकर ये एक सुखद स्थिति है जिसमें आज के लोग, जिनमें हर उम्र के लोग शामिल हैं, सेहत को लेकर जागरुक हो रहे हैं।
- जो लोग जिम के व्यवसाय में आना चाहते हैं, आप उन्हें क्या सलाह देना चाहते हैं।
उत्तर- जी बिल्कुल जिम खोलें। पर दो बाते बेहद महत्वपूर्ण हैं, पहली कि जब भी आप जिम खोलें वह अप मार्केट हो, ताकि लोग आकर्षित हों। दूसरी बात ये कि जिम खोलने के साथ ही आप जीवन-भर अपने काम के प्रति कमिटिड रहें। ये कोई पार्ट टाइम काम नहीं है। किराए के आदमी रखकर आप जिम नहीं चला सकते, ख़ुद आपको ही ट्रेनर बनना होगा इसलिए बेहतर है कि आप स्वयं भी अपने को फ़िट रखें और सारा काम ख़ुद सीखें, तभी आप सफल हो पाएंगे।