मथुरा।हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से होली एक है।देशभर में होली बड़े धूमधाम से मनायी जाती है।तमाम जगहों से अलग ब्रज क्षेत्र,मथुरा और वृंदावन में होली के मौके पर अलग ही धूम देखने को मिलती है।यहां की होली पूरे विश्व में विख्यात है। विश्वभर से लोग इस होली का हिस्सा बनने का सपना देखते हैं।
जानें मथुरा-वृंदावन में कब खेली जाएगी होली
बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से ही हो जाती है।इसके बाद रंग पंचमी तक, यानी लगभग 40 दिनों तक विभिन्न आयोजनों के साथ यहां होली खेली जाती है।
नोट कर लें मथुरा-वृंदावन में होली की डेट13 मार्च
जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है,ब्रज में होली का उत्सव बसंत पंचमी से जारी है।अब कल 13 मार्च को पूरे ब्रज क्षेत्र में होलिका दहन का आयोजन किया जाएगा,होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई के रुप में मनाया जाता है।वहीं ब्रज में भी ये आयोजन खासकर फालैन गांव में प्रसिद्ध है।यहां लोग नंगे पैर अंगारों पर चलकर होलिका दहन मनाते हैं।
14 मार्च
देश के बाकी हिस्सों की तरह ही मथुरा-वृंदावन में भी 14 मार्च को धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा।इस दिन पूरे ब्रज में रंगों की होली खेली जाएगी।वहीं धुलेंडी के लिए मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।इस दिन यहां टेसू के फूलों से बनाया जाता है और इन्हीं रंगों से खूब धूमधाम के साथ होली खेली जाती है।
15 मार्च
14 मार्च को धुलेंडी के बाद 15 मार्च को बलदेव दाऊजी मंदिर में हुरंगा का आयोजन किया जाएगा। हुरंगा में महिलाएं पुरुषों पर रंग और पानी फेंकती हैं और पुरुष ढाल की मदद से बचाव करते हैं।
16-17 मार्च
16 मार्च को दाऊजी मंदिर की तरह ही नंदगांव में और 17 मार्च को जाओ गांव में हुरंगा का आयोजन किया जाएगा।
18 मार्च
18 मार्च को राधा रानी के ननिहाल यानी मुखराई गांव में चरकुला डांस का आयोजन होगा।
19-20 मार्च
19 मार्च को बठैन में और फिर 20 मार्च को गिडोह गांव में हुरंगा होगा।
21 मार्च
इस दिन रंग पंचमी के मौके पर खायरा में हुरंगा का आयोजन किया जाएगा।
इन सब से अलग 22 मार्च को वृंदावन में रंगनाथजी मंदिर में होली खेली जाएगी।