प्राचीन स्वरूप में लौटेंगी राधारानी के गांव की पहाड़ियां, मथुरा पर्यटन को मिलेगा बूस्ट


प्राचीन स्वरूप में लौटेंगी राधारानी के गांव की पहाड़ियां, मथुरा पर्यटन को मिलेगा बूस्ट

धनंजय सिंह | 16 Apr 2025

 

मथुरा।उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए मथुरा जिले में राधारानी के गांव बरसाना के आसपास की पहाड़ियों को हरा-भरा बनाने के लिए उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार की गई परियोजना को योगी सरकार ने हरी झंडी दे दी है।परिषद को इन पहाड़ियों पर मौजूद बबूल और कीकर जैसे अलाभकारी वृक्षों को हटाकर उनके स्थान पर कृष्णकालीन प्रजाति के वृक्षों के रोपण की अनुमति भी सुप्रीम कोर्ट से मिल गई है।यह जानकारी परिषद के सीईओ एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने दी।

श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने वृन्दावन और मथुरा के बाद बरसाना में पर्यटकों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से 206 करोड़ की लागत वाली 10 परियोजनाएं प्रस्तावित की थीं। इनमें से बरसाना के आसपास की तीन पहाड़ियों के सौन्दर्यीकरण की योजना को स्वीकृति मिल गई है।

राधारानी की सखियों के नाम पर हैं 8 पहाड़ियां

उल्लेखनीय है कि भगवान श्रीकृष्ण की आह्लादिनी शक्ति राधारानी के गांव बरसाना के आसपास राजस्थान की सीमा से लगी आठ पहाड़ियां हैं,जिन्हें राधारानी की आठ सखियों के नाम पर अष्ट सखी का स्वरूप माना जाता है। एक सदी पहले तक ये सभी पहाड़ियां प्राकृतिक छटा से भरपूर और बहुत ही समृद्ध नजर आती थीं,लेकिन पिछले कुछ दशकों में इन पहाड़ियों का स्वरूप अंधाधुंध दोहन और उपेक्षा के चलते विकृत हो गया है। जहां कभी चारों तरफ बड़े ही हरे-भरे वृक्ष नजर आते हैं वहां अब कीकर,करील और बबूल जैसे उजाड़ वृक्ष और पहाड़ ही शेष रह गए हैं।

श्रीकृष्ण-राधारानी की लीलाओं की साक्षी रही हैं ये पहाड़ियां

सिंह ने बताया कि इन पहाड़ियों का धार्मिक महत्व है क्योंकि माना जाता है कि ये भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी की अनेक लीलाओं की साक्षी रही हैं। इसलिए सरकार ने इनके सौन्दर्यीकरण का निर्णय लिया है। योजना के अनुसार पहले चरण में राकौंली, ढभाला और सखी गिरि पहाड़ियों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। शुरुआत 98 हैक्टेअर में फैली राकौंली पहाड़ी से होगी।

तारबंदी कर होगा ईको-रेस्टोरेशन

सिंह ने बताया कि इस पहाड़ी की तारबंदी कर यहां ईको-रेस्टोरेशन का काम किया जाना है,जिसमें पौधारोपण, जल संरक्षण से लेकर संस्कृति संरक्षण आदि शामिल है। कुल 2.11 करोड़ की लागत की इस योजना के लिए 1.30 करोड़ अवमुक्त कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हरियाली को नष्ट करने वाले वृक्षों को हटाकर कदम्ब, पीलू, ढाक आदि द्वापरयुगीन प्रजाति के वृक्ष लगाए जाएंगे और सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी है।


add

अपडेट न्यूज


भारत से सुपरहिट
Beautiful cake stands from Ellementry

Ellementry

© Copyright 2019 | Vanik Times. All rights reserved