नई दिल्ली।बांग्लादेश ने गुरुवार को ढाका में 15 वर्षों में पहली बार विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान 1971 के अत्याचारों के लिए ऐतिहासिक रूप से अनसुलझे मुद्दों को उठाया और पाकिस्तान से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की।बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के अलग होकर स्वतंत्र बांग्लादेश बनने के समय संयुक्त परिसंपत्तियों में से अपने हिस्से के रूप में 4.3 बिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान करने की भी मांग की है।बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष अमना बलूच के साथ फॉरेन ऑफिस कंसलटेशन के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमने पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक रूप से अनसुलझे मुद्दों को उठाया है।
जानें माफी पर पाकिस्तान ने क्या कहा
पाकिस्तान ने इस पर क्या जवाब दिया,ये नहीं बताया गया है। जाहिर है पाकिस्तान के लिए दोनों ही मसलों पर जवाब देना एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई साबित हो सकता है। भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान अभी बांग्लादेश से मोहब्बत तो दिखा रहा है,लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश की खटास दोनों देशों की जनता में काफी गहरे तक दबी हुई है।अगर पाकिस्तान माफी मांगता है तो ये पाकिस्तान की अवाम को मंजूर नहीं होगा।खासकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को।
क्यों नहीं पाकिस्तान मांगेगा माफी
पाकिस्तान में कुल चार राज्य हैं,पंजाब,सिंध,बलोचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा है।इन चारों राज्यों के अलावा पाकिस्तान कश्मीर के कुछ हिस्से और गिलगित-बल्तिस्तान पर भी कब्जा किए हुए है।पाकिस्तान इन सभी राज्यों के संसाधनों के राजस्व का सबसे अधिक हिस्सा पंजाब प्रांत पर आजादी के बाद से खर्च करता रहा है।बाकी सभी राज्यों से गुलामों की तरह व्यवहार होता है।मतलब संसाधन सभी क्षेत्रों का और उसका लाभ पंजाब प्रांत को मिलता है।यही कारण है कि सिंध से लेकर बलोचिस्तान,खैबर पख्तूनख्वा,पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान के लोग उससे आजादी की मुहिम चला रहे हैं।
पाकिस्तान कैसे करेगा बांग्लादेश को भुगतान
बांग्लादेश भी पाकिस्तान के पंजाब के ही उत्पीड़न के कारण अलग हुआ था।अब अगर पाकिस्तान इसके लिए माफी मांगता है तो उसके पंजाब के ही लोग नाराज हो जाएंगे। पाकिस्तान में सत्ता पर वही बैठता है,जो पंजाब पर राज करता है।वहीं पाकिस्तान इस समय खुद कंगाली के दौर से गुजर रहा है।ऐसे में 4.3 बिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान पाकिस्तान करना भी चाहे तो नहीं कर सकता।ऐसे में नये-नये दोस्ती की राह पर चले बांग्लादेश और पाकिस्तान के लिए ये मांग बड़ा सिरदर्द हो सकती है।