बहराइच।रामजन्मभूमि पर हमले की कोशिश और सोमनाथ मंदिर को कई बार लूटने वाले महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद गाजी की याद में बहराइच में लगने वाला जेठ मेला इस बार नहीं लगेगा।मसूद गाजी की दरगाह पर हर साल 15 मई से 15 जून तक एक माह तक मेला लगता था।जिला प्रशासन ने एलआईयू की रिपोर्ट के बाद मेले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने मेले की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
संभल के नेजा मेला की तरह मसूद गाजी की याद में बहराइच में जेठ मेला को भी अनुमति नहीं मिली है।एलआईयू ने बहराइच डीएम और देवीपाटन कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी थी, इसके बाद सैयद सलार मसूद गाजी की दरगाह पर मेले की अनुमति नहीं दी गई है।प्रशासन ने मेले को स्थगित कर दिया है और ठेकों का नोटिस भी स्थगित कर दिया गया है।इसे गाजी मियां का मेला भी कहा जाता है।मेले में जियारत करने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचते हैं।इसमें आम लोगों के साथ-साथ नामी लोग भी शिरकत करते रहे हैं।
डीएम और कमिश्नर के साथ बैठक के बाद सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह के प्रबंधन समिति ने भी मेला को न आयोजित कराने का फैसला लिया है।इस साल मेले को स्थगित करने के प्रशासन के फैसले पर कुछ लोगों ने रोक लगाने की मांग भी की और डीएम को ज्ञापन दिया था कि मेले पर रोक लगानी चाहिए।
सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने बताया कि 15 अप्रैल को प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष बकाउल्ला ने डीएम की अध्यक्षता में वार्षिक जेठ मेला कराने को लेकर बैठक के लिए पत्र दिया था।एएसपी सिटी रामानंद कुशवाहा,एसडीएम सदर पूजा चौधरी,ईओ नगरपालिका प्रमिता सिंह,एईपी जिला पंचायत अधिकारी ने आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इसमें कानून व्यवस्था के दृष्टिगत व विभिन्न परिस्थितियां उत्पन्न होने का कारण इस समय होने वाले जेठ मेले की अनुमति दिया जाना उचित नहीं है। इसी क्रम में दरगाह मेला प्रबंध समिति को भी अवगत करा दिया गया है।
क्षेत्राधिकारी नगर पहुंप सिंह ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में पहलगाम की आतंकी घटना,वक्फ बिल संशोधन व बीते दिनों संभल में हुई हिंसा को लेकर जनता में आक्रोश व क्रोध है। इन परिस्थितियों में मेले में लाखों की भीड़ आती है, जिसके दृष्टिगत शांति व सुरक्षा बनाए रखने को लेकर जेठ मेले के आयोजन की संस्तुति नहीं की गई है।
बता दें कि सोमनाथ मंदिर को कई बार लूटने वाले सैयद सालार मसूद गाजी ने रामजन्मभूमि पर भी हमले की कोशिश की थी।दिल्ली,मेरठ,बुलंदशहर,बदायूं और कन्नौज के देवस्थानों को ध्वस्त करता हुआ वह बाराबंकी तक आ गया था। बाराबंकी से बहराइच पर आक्रमण कर अयोध्या पहुंचना चाहता था। 1034 ईसवी में कौशल के महाराजा सुहेलदेव ने सलार गाजी और उसकी एक लाख 30 हजार की सेना को भी खत्म कर दिया।तब अयोध्या सुहेलदेव की उपराजधानी थी।