अयोध्या।रामनगरी अयोध्या 5 जून को एक ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनेगी।गंगा दशहरा पर रामनगरी में आस्था की बयार बहेगी।राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार ऐसा होगा,जब रामनगरी में एक साथ 14 मंदिरों में देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है, जो रामनगरी की आध्यात्मिक ऊर्जा को नई दिशा देगा।
गंगा दशहरा पर हिंदू पंचांग के अनुसार बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। गंगा दशहरा पर 14 मंदिरों में देव विग्रहों को विधिपूर्वक जाग्रत किया जाएगा। 101 वैदिक आचार्य मंत्रोच्चार और विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूरी करेंगे,हर मंदिर के लिए एक-एक यजमान चुने गए हैं,जिनकी सहभागिता में यह आयोजन संपन्न होगा,इस आयोजन में 100 से ज्यादा विशिष्ट अतिथियों और श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
जिन मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा होगी,उनमें श्रीराम दरबार,वीर हनुमान,गणेश जी,मां अन्नपूर्णा,मां शीतला,लक्ष्मी-नारायण, गोविंद देव,शिव परिवार,वैद्यनाथ,राधा-कृष्ण,मां दुर्गा,सूर्य देव और आदि शंकराचार्य मंदिरों का मंदिर है।हर एक मूर्ति के साथ रामनगरी में एक नई ऊर्जा का संचार होगा,यह सिर्फ मूर्तियों की स्थापना नहीं है,बल्कि श्रद्धा,विश्वास और सांस्कृतिक चेतना का विस्तार है,हर मंदिर अपने आप में एक भक्ति, शांति और आत्मिक शक्ति का केंद्र होगा।
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है,ट्रस्ट ने आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली हैं और आचार्यों,यजमानों और कन्याओं के चयन की प्रक्रिया तेजी से जारी है। 5 जून की तारीख रामनगरी के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगी,यह आयोजन न सिर्फ स्थानीय श्रद्धालुओं, बल्कि देशभर के सनातन भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा,ये कार्यक्रम 3 जून से शुरू होगा,पहले तीन दिन धार्मिक अनुष्ठान होंगे,मूर्तियों का जलवास,अन्नवास और सैयावास कराया जाएगा,इसके बाद 5 जून को गंगा दशहरा पर पर देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।