तुर्की के सेब के बहिष्कार से कश्मीरी सेब की बढ़ी मांग,बदले हालात में स्वदेशी पर आया प्यार


तुर्की के सेब के बहिष्कार से कश्मीरी सेब की बढ़ी मांग,बदले हालात में स्वदेशी पर आया प्यार

मनोज बिसारिया | 16 May 2025

 

नई दिल्ली।पाकिस्तान के समर्थन में तुर्की के आने से
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के फल बाजारों में तुर्की के सेब का बहिष्कार जोर पकड़ रहा है।व्यापारियों और लोगों ने तुर्की के सेब की खरीद बंद कर दी है,जिससे इन सेबों की आपूर्ति बाजारों में लगभग खत्म हो गई है।वहीं कश्मीरी अम्बरी सेब की मांग बढ़ गई है,लोग स्वदेशी विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली के आजादपुर मंडी,ओखला मंडी और दिल्ली की अन्य मंडियों में तुर्की के सेब का व्यापार होता है।अब व्यापारियों ने सेब का आयात बंद कर दिया है,जिससे तुर्की के सेब की बिक्री में कमी हुई है।इसका सीधा लाभ कश्मीर के व्यापारियों को मिल रहा है,कश्मीरी सेब की मांग लगभग 25 से 30 फीसदी बढ़ गई है।

सेब के दाम में आया उछाल

विक्रेता सेब की अनुपस्थिति और कश्मीरी सेब की बढ़ती मांग से बाजार के दाम का प्रभावित हुआ है।थोक बाजार में सेब के 10 किलो के कार्टन के दाम में 200-300 रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि खुदरा बाजार में सेब 20-30 रुपये प्रति किलो महंगे हो गए हैं। स्थानीय निवासी प्रिया शर्मा ने कहा कि उनके पास कश्मीरी सेब जैसे बेहतरीन विकल्प हैं।

स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दे रहे विक्रेता

आजादपुर मंडी के व्यापारी पवन छाबड़ा ने बताया कि ग्राहक अब कश्मीरी सेब,खासकर अम्बरी किस्म की मांग कर रहे हैं। इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर के बागवानों से सीधे संपर्क में हैं।पवन ने कहा कि वह उस देश से सेब नहीं खरीदेंगे जो देश के दुश्मन का साथ देता है। विक्रेता सेब के बहिष्कार के बाद बाजार में विक्रेता स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस सेब की कीमत 20 किलो का एक कार्टन 3600 रुपये तक आता है।


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