अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में सालों का संघर्ष,तपस्या और समर्पण के बाद अब राम दरबार का विहंगम स्वरूप साकार होने वाला है।प्रभु श्रीराम भव्य सिंहासन पर विराजमान होंगे। 23 मई को राम मंदिर के पहली मंजिल पर प्रभु श्रीराम भव्य सिंहासन पर विराजेंगे,ये दिन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत विशेष होगा।इस अवसर पर राम मंदिर की पहली मंजिल पर विशेष रूप से निर्मित मूर्तियों की स्थापना की जाएगी,ये मूर्तियां प्रभु श्रीराम,मां सीता,लक्ष्मण और बजरंगबली की होंगी।भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां बाद में स्थापित होगी।
सभी मूर्तियों को जयपुर के प्रसिद्ध शिल्पकारों ने विशेष सफेद संगमरमर से गढ़ा है।मूर्तियों को हेम्मार्क फोटोग्राफिक तकनीक से इतनी बारीकी से बनाया गया है कि उनमें जीवंतता प्रतीत होती है,मूर्तियां 21 मई को जयपुर से रामनगरी अयोध्या के लिए रवाना होंगी और 22 मई को रामनगरी पहुंचेंगी। 23 मई को प्रभु श्रीराम पहली मंजिल पर विराजमान होंगे।
इस आयोजन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।मूर्तियों की यात्रा के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने विशेष प्रबंध किया है।रामनगरी में ये आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है,बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी बन चुका है। 5 जून को गंगा दशहरा पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस आयोजन के लिए देशभर के विद्वान वैदिक आचार्यों को आमंत्रित किया है। वैदिक मंत्रोच्चारण और परंपरागत विधियों के साथ ये अनुष्ठान संपन्न होगा।ये अवसर पूरे देश के लिए आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगा,इसी बीच राम मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में चार भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।
दक्षिण दिशा के प्रवेश द्वार का निर्माण सबसे तेजी से चल रहा है,अब तक इसका 40 फीसदी निर्माण हो चुका है,ये द्वार लगभग 17 मीटर ऊंचा, 30 मीटर लंबा और 11 मीटर चौड़ा होगा,ये लाल बलुआ पत्थर से बन रहा है,प्रवेश द्वार पर गज, अश्व,सिंह और पुष्प आकृतियों की सुंदर नक्काशी की जा रही है,यह प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है,पश्चिम दिशा में प्रस्तावित प्रवेश द्वार की योजना भी कार्यान्वित हो रही है और शीघ्र ही उसका निर्माण कार्य भी आरंभ होगा।