पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों के सामने चुनौती, आतंकियों की घाटी में नई चाल


पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों के सामने चुनौती, आतंकियों की घाटी में नई चाल

मनोज बिसारिया | 21 May 2025

 

नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला कर 26 से अधिक पर्यटकों की हत्या कर दी थी।पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां ज्यादा सतर्क हैं।ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर भारत ने हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाया है।अब पहलगाम हमले के गुनहगारों को न्याय के कटघरे में लाना बाकी है।इसी कोशिश में सेना लगातार घाटी में सर्च और एनकाउंटर ऑपरेशन चलाकर आतंकियों का सफाया कर रही है।

आतंकी कर रहे वर्दी का इस्तेमाल

फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती जरूरी हो गई है,लेकिन ऐसे में सुरक्षाबलों का सामना एक नई चुनौती से हुआ है।हाल ही में हुई कम से कम तीन घटनाओं में अधिकारियों ने सीमा पर घुसपैठ करने वाले वर्दीधारी आतंकियों की पहचान की है।पहलगाम आतंकी हमले का प्लान भी इसी तरह बनाया गया था,जहां आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े आतंकियों ने भारतीय सेना जैसी वर्दी पहनकर पर्यटकों पर गोलियां बरसाकर हत्या की थी।बीते हफ़्ते त्राल में हुए एनकाउंटर में आतंकवादी आसिफ अहमद शेख,आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट मारे गए थे।जानकारी के मुताबिक तीनों आतंकवादी सेना जैसी ही वर्दी पहने हुए थे और उनके पहनावे,खास तौर पर उनके जैकेट की जांच की जा रही है।आतंकियों की यह नई चाल लोगों को गुमराह करने के लिए है,पहलगाम आतंकी हमले के दौरान भी ऐसे कई चश्मदीद सामने आए थे,जिन्होंने बताया कि पहली नजर में उन्होंने हमलावर आतंकियों को सेना का जवान ही समझा था।

सुरक्षाबलों के सामने नई चुनौती

भारत जब 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई कर रहा था,तब जम्मू के हाई सिक्योरिटी वाले इलाके नगरोटा मिलिट्री स्टेशन पर गार्ड ने एक संदिग्ध घुसपैठिए को रोका।मुमकिन है कि सेना की वर्दी पहने हुए शख्स अंदर घुसने की कोशिश कर रहा था,लेकिन कुछ देर की गोलीबारी के बाद वह भाग खड़ा हुआ।सेना जैसी वर्दी पहने आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के बीच बड़ी चिंता पैदा कर दी है। अधिकारियों को डर है कि इस तरह की रणनीति से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।खासतौर पर हाल के घटनाक्रम में यह चुनौती काफी बड़ी है।एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने बताया कि यह रणनीति न सिर्फ खतरनाक है बल्कि बेहद भ्रामक भी है।यह नागरिकों और वर्दीधारी सुरक्षाबलों के बीच भरोसे को खत्म करने की सीधी कोशिश है।

वर्दी की बिक्री और सिलाई पर रोक

अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग में चर्चा भी की गई,जिसमें भारत के सुरक्षा नेटवर्क के वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए,इसके जवाब में सुरक्षा एजेंसियां अब SOP का रिव्यू कर रही हैं, खास तौर पर चौकियों और पॉपुलर टूरिस्ट प्लेस पर,ताकि इस उभरते हुए खतरे से बेहतर तरीके से निपटने में सफलता हासिल हो सके।इस चुनौती से निपटने के लिए बीते दिनों जम्मू कश्मीर के कुछ इलाकों में सेना की वर्दी की सिलाई, बिक्री और स्टोरेज पर बैन लगा दिया गया है ताकि देशविरोधी तत्व इसका फायदा न उठा सकें।आतंकी हूबहू सेना जैसी वर्दी, खासतौर पर वैसी ही जैकेट का इस्तेमाल कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, ताकि आम लोगों के साथ सुरक्षाबलों को भी भ्रमित किया जा सके।


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