ऐप विकसित करने वाले संस्थान यानी सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सब ट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर के डायरेक्टर शैलेन्द्र रंजन ने कहा कि यह ऐप ऐसे किसानों की भी पूरी मदद करने में सक्षम है जो बिना पढ़े-लिखे हैं।
मनोज बिसारिया | 12 May 2020
अब कोरोना के डर से खेतों में नए प्रयोग को लेकर झिझक रहे किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की लखनऊ स्थित लैब सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सब ट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर (CISH) ने बाग़वानी मित्र एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप की खास बात है यह है इसे बिना पढ़ा- लिखा किसान भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। इस मोबाइल ऐप में एक खास फीचर दिया गया है। इसमें ख़ास बात ये होगी कि किसानों को टाइप करने की ज़रूरत नहीं होगी बल्कि वे जो भी बोलेंगे, वह टाइप होता चला जाएगा।
ऐप विकसित करने वाले संस्थान यानी सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सब ट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर के डायरेक्टर शैलेन्द्र रंजन ने कहा कि यह ऐप ऐसे किसानों की भी पूरी मदद करने में सक्षम है जो बिना पढ़े-लिखे हैं। रंजन ने कहा कि यह ऐप किसानों को संदेश के साथ रोगग्रस्त पौधों की तस्वीरें भेजने की अनुमति देगा। इससे वैज्ञानिकों को सही बीमारी का पता लगाने और पहचानने में भी मदद मिलेगी। यह मोबाइल ऐप सामान्य कीटों, बीमारियों और दूसरी समस्याओं के साथ-साथ उनके नियंत्रण की भी जानकारी देगा। इस ऐप से किसानों को मौसम की जानकारी भी मिल सकेगी, जिसके मुताबिक वह अपनी फसलों की बुआई कर सकेंगे।
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