हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा,अब जाएगी विधायकी


हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा,अब जाएगी विधायकी

धनंजय सिंह | 01 Jun 2025

 

मऊ।जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहे माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।शनिवार को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में अब्बास अंसारी के हेट स्पीच मामले को लेकर सुनवाई हुई।अब्बास अंसारी को कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है। 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 2 साल की सजा मिलते ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के अनुसार अब्बास की विधायकी भी स्वत: ही चली गई।बता दें कि अब्बास अंसारी ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं।

कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में हाजिर हुए अब्बास 

कड़ी सुरक्षा के बीच एमपी-एमएलए कोर्ट में अब्बास अंसारी और उमर अंसारी हाजिर हुए।मामले को देखते हुए कोर्ट परिसर के चारों ओर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रही।बता दें, सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसले के लिए 31 मई की तारीख तय की थी।इसी के तहत आज फैसला सुनाया गया है।

अब्बास अंसारी ने पहली बार में दर्ज की थी जीत

बता दें कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और सुभासपा ने गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन में मऊ सदर से सुभासपा को अपना प्रत्याशी उतारना था। ऐसे में सुभासपा ने अब्बास अंसारी को टिकट दिया। अब्बास अंसारी मऊ सदर से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। हालांकि अब सुभासपा ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया है और वह भाजपा के साथ गठबंधन कर चुकी है। वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान ही अब्बास अंसारी ने हेट स्पीच दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। हालांकि 2 साल की सजा मिलने के बाद विधायकी स्वत: रद्द हो गई है।अब विधानसभा अध्यक्ष जब भी नोटिफिकेशन जारी करेंगे,उसमें आज ही की तारीख से सदस्यता रद्द होने का जिक्र होगा।

क्या है पूरा मामला

विधायक अब्बास अंसारी का ये मामला साल 2022 के विधानसभा चुनाव का है।चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में एक जनसभा आयोजित की गई थी।इसी जनसभा में अब्बास ने कथित तौर पर विवादित बयान दिया था। अब्बास ने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने की धमकी दी,जिसे हेट स्पीच माना गया. इस भाषण को लेकर मऊ कोतवाली में सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर दर्ज कराई थी।लगभग 3 साल चली सुनवाई के बाद आज इस मामले में फैसला आया है।

अब्बास 2 महीने पहले ही आए थे जमानत पर

जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहे माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी 2 महीने पहले ही जमानत पर जेल से छूटकर बाहर आए थे।सुप्रीम कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में अंतरिम जमानत मिलने के बाद अब्बास की रिहाई हुई थी। अब्बास पर आपराधिक गतिविधियों और अवैध वित्तीय लेन-देन में संलिप्त रहने के आरोप थे।ईडी ने अब्बास के खिलाफ जांचकर मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।इसी मामले में अब्बास नवंबर 2022 से जेल में बंद थे।अब एक और मामले में फैसला आने के बाद अब्बास को जेल जाना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट का नियम क्या कहता है

सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में फैसला दिया था कि अगर कोई सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है और उसे 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती है, तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता तुरंत खत्म हो जाएगी। इसका मतलब है कि अब्बास अंसारी की विधायकी स्वतः रद्द हो गई है, क्योंकि अब्बास 2 साल की सजा मिली है। यह नियम रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 की धारा 8 के तहत लागू होता है।

विधायकी जाने के बाद क्या होता है

विधायकी रद्द होने के बाद अब्बास अंसारी की मऊ सदर सीट खाली घोषित हो जाएगी और वहां उपचुनाव होगा। इसके अलावा दोषसिद्धि के बाद अब्बास 6 साल तक (सजा पूरी होने के बाद भी) चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जब तक कि दोषसिद्धि रद्द न हो जाए।


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