राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सजी अयोध्या,श्रद्धालुओं का उमड़ रहा सैलाब,सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि


राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सजी अयोध्या,श्रद्धालुओं का उमड़ रहा सैलाब,सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि

धनंजय सिंह | 02 Jun 2025

 

अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव की शुरुआत आज से हो गई है।अब प्राण प्रतिष्ठा में भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे।राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार होगा। 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम बालक राम के रूप में स्थापित किए गए थे।

गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर प्रभु श्रीराम के दरबार सहित कुल 7 मंदिरों में भव्य प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। अभिजित मुहूर्त और स्थिर लग्न में होने वाले इस आयोजन को अयोध्या और काशी के 101 आचार्य मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से संपन्न कराएंगे,इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे।बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ऐतिहासिक अनुष्ठान में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया हुआ है।खास बात यह है कि 5 जून को ही सीएम योगी का जन्मदिन भी है।

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व आज 2 जून को महिलाओं द्वारा भव्य सरयू जल कलश यात्रा निकाली गई,3 जून से 5 जून तक विशेष पूजा-पाठ,अनुष्ठान और आध्यात्मिक क्रियाएं चलेंगी,3 और 4 जून को पूजा सुबह 6:30 से रात 9 बजे तक चलेगी, 5 जून को सुबह 5:30 बजे पूजा प्रारंभ होगी और 11 बजे के बाद राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी।

रामनगरी की हर गली,मंदिरों,सड़कों को सजा दिया गया है। जगह-जगह भगवा ध्वज,फूलों की सजावट,रंगोली और दीपों की रोशनी से राम नगरी जगमग है,श्रद्धालुओं का सैलाब भी उमड़ रहा है,प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
29 अप्रैल को राम मंदिर के शिखर पर 42 फीट ऊंचा धर्म ध्वजदंड स्थापित किया गया,जिससे राम मंदिर की कुल ऊंचाई 203 फीट हो गई है,5.5 टन वजनी यह ध्वजदंड पीतल से बना है और इसे 60 कुशल कारीगरों ने 7 महीने में तैयार किया है,इसकी अनुमानित आयु 100 वर्षों तक मानी जा रही है।

राम नगरी की सबसे बड़ी गद्दी के महंत कृपालु दास जी महाराज ने कहा है कि ये स्वर्णिम संयोग है कि जिस धरती पर प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ,वहां उनके दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं मौजूद रहेंगे,यह केवल धार्मिक नहीं, सांस्कृतिक सौभाग्य है।

महंत कृपालु दास जी ने कहा कि यह आयोजन चक्रवर्ती महाराज दशरथ जी के महल से आरंभ होगा,जिसे फूलों से सजाया गया है,ये फूलों की झांकी न केवल सौंदर्य है, बल्कि गर्मी से बचाव और स्वागत की परंपरा का भी प्रतीक है।


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