लखनऊ।योगी सरकार ने देश सेवा कर चुके अग्निवीरों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पुलिस आरक्षी,पीएसी,आरक्षी घुड़सवार और फायरमैन की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। यही नहीं इनको आयु सीमा में तीन वर्ष की भी छूट दी जाएगी।
जानिए क्या हैं अग्निवीर योजना
अग्निवीर भारत सरकार की अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना (थल सेना, नौसेना, और वायुसेना) में भर्ती किए जाने वाले सैनिक हैं। इस योजना की शुरुआत जून 2022 में हुई थी, जिसका उद्देश्य युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करना और सेना को अधिक युवा, तकनीकी रूप से कुशल और गतिशील बनाना है।
सेना में 4 साल के लिए किया जाता है भर्ती
अग्निवीरों में भर्ती होने के लिए इसकी पात्रता 17.5 से 23 साल तक की है। अग्निवीरों को 4 साल की सेवा के लिए भर्ती किया जाता है,जिसमें 6 महीने की ट्रेनिंग और 3.5 साल की सक्रिय सेवा शामिल होती है।
25 फीसदी अग्निवीरों की होती है स्थायी नियुक्ति
4 साल की सेवा के बाद लगभग 25 फीसदी अग्निवीरों को उनकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर नियमित सैनिक के रूप में स्थायी नियुक्ति दी जा सकती है। बाकी को सेवा समाप्ति पर एकमुश्त राशि (सेवा निधि) दी जाती है, जो लगभग 11-12 लाख रुपये होती है।
कितने अग्निवीर होंगे लाभान्वित
पहले बैच के अग्निवीरों का कार्यकाल 2026-27 में समाप्त होगा। अनुमान है कि लगभग 1 लाख अग्निवीरों में से 25 हजार को सेना में स्थायी नियुक्ति दी जाएगी,जबकि बाकी को नागरिक सेवाओं में अवसर मिलेंगे।ऐसे में योगी सरकार का यह कदम लाखों युवाओं के लिए रोजगार का एक नया द्वार खोलता है।
योगी सरकार ने निभाया अपना वादा
योजना की शुरुआत के समय ही सीएम योगी ने वादा किया था कि चार साल की सेवा के बाद लौटने वाले अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी में प्राथमिकता दी जाएगी। अब इस वादे को 20 फीसदी आरक्षण की नीति लागू करके साकार कर दिया गया है। यह कदम न केवल पूर्व अग्निवीरों को एक स्थायी करियर की दिशा में प्रेरित करेगा, बल्कि सुरक्षा बलों को भी अनुभवी और प्रशिक्षित युवा मिलेंगे।