वियतनाम से भारत लौटीं भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां, आज दिल्ली में कर सकेंगे दर्शन


वियतनाम से भारत लौटीं भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां, आज दिल्ली में कर सकेंगे दर्शन

मनोज बिसारिया | 03 Jun 2025

 

नई दिल्ली। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष,जो वियतनाम के कई शहरों में एक महीने तक आयोजित प्रदर्शनी में रखे गए थे, आज भारत पहुंच गए हैं।उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित एक विहार में स्थापित पवित्र अवशेष 2 मई को वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर पहुंचे थे।वियतनाम में प्रदर्शनी के दौरान व्यापक आध्यात्मिक अनुभव के बाद ये अवशेष 2 जून की रात भारतीय वायुसेना के विमान से भारत लौट आए।वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया था। इस दौरान प्रदर्शनी के लिए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को वियतनाम ले जाया गया था।

आज दिल्ली में होगी विशेष प्रार्थना सभा

ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति के नेतृत्व में भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ भारतीय भिक्षुओं के साथ अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के अधिकारियों की मौजूदगी में इन अवशेषों को पालम वायु सेना स्टेशन पर औपचारिक रूप से प्राप्त किया।भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान द्वारा वियतनाम ले जाया गया था।पवित्र अवशेषों का दुनिया भर के बौद्ध समुदाय के लिए विशेष महत्व है और वियतनाम में उनका प्रदर्शन पहली बार हुआ। दिल्ली पहुंचने के बाद पवित्र अवशेषों को मंगलवार की सुबह से एक दिन के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय में सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा गया है।दोपहर में वरिष्ठ भिक्षुओं,अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव और राजनयिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा एक औपचारिक प्रार्थना सभा आयोजित की गई।

वियतनाम में 1.7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वियतनाम में आयोजित इस प्रदर्शनी में 1.7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष के दर्शन किए। श्रद्धालुओं के लिए यह एक आध्यात्मिक अनुभव था,जिन्होंने भारत से बुद्ध के पवित्र अवशेषों की ऐतिहासिक पूजा तीर्थयात्रा में हिस्सा लिया।मंत्रालय ने बयान में कहा कि वियतनाम के दक्षिण से उत्तर तक कई प्रतिष्ठित स्थानों से होकर गुजरी इस यात्रा ने कुल 1.78 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। श्रद्धा और सांस्कृतिक एकजुटता के इस गहन प्रदर्शन ने बौद्धों और आध्यात्मिक साधकों को एकजुट करने का काम किया।

4 जून को सारनाथ ले जाया जाएगा

बुधवार 4 जून को ये अवशेष दिल्ली से रवाना होंगे। पवित्र अवशेषों को वाराणसी के रास्ते सारनाथ ले जाया जाएगा, जहां उन्हें मूलगंध कुटी विहार में औपचारिक रूप से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही बुद्ध द्वारा सन्निहित शांति और करुणा के शाश्वत संदेश को मजबूत करने वाली इस ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा का समापन हो जाएगा।


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