वाराणसी।सूबे की सियासत में एक जबरदस्त नया मोड़ आ गया है।यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर चल रही हलचल के बीच अब करणी सेना ने एंट्री की है।करणी सेना ने पंचायत और विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।करणी सेना का राजपूत समुदाय में प्रभाव है,इससे भारतीय जनता पार्टी,समाजवादी पार्टी,बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
वाराणसी पहुंचे करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया है। रघुवंशी ने कहा कि करणी सेना न केवल आगामी पंचायत चुनाव में हिस्सा लेगी,बल्कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।
राकेश सिंह रघुवंशी ने कहा कि करणी सेना उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव को लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है,हम जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे।रघुवंशी ने कहा कि संगठन ने ग्रामीण स्तर पर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और स्थानीय समस्याओं को लेकर जनता के बीच जागरूकता फैलाने का काम तेज कर दिया गया है।पंचायत चुनाव में करणी सेना का फोकस ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत स्तर तक उम्मीदवार उतारने पर होगा।रघुवंशी ने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद हमारी नजर 2027 के विधानसभा चुनाव पर भी है।रघुवंशी ने कहा कि करणी सेना उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अपनी ताकत दिखाएगी,हमारी तैयारियां जोरों पर हैं।
बता दें कि करणी सेना के इस ऐलान से भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।करणी सेना पहले से ही राजपूत समुदाय के बीच अपनी मजबूत पकड़ के लिए जानी जाती है,इसके अलावा करणी सेना ने समय-समय पर सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर आंदोलन किए हैं,इससे करणी सेना की पहचान एक मुखर संगठन के रूप में बनी है।पंचायत और विधानसभा चुनाव में करणी सेना की एंट्री से वोटों का बंटवारा हो सकता है,जो मौजूदा दलों के लिए चुनौती बन सकता है।करणी सेना पहले भी कई बार चर्चा में रही है।करणी सेना ने राजपूत समुदाय के हितों को लेकर कई आंदोलन किए हैं, राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने की कोशिश की है।हाल ही में करणी ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए बयान के खिलाफ आंदोलन किया था,आगरा में जबरदस्त प्रदर्शन भी किया था।अब चुनावी मैदान में उतरने के ऐलान से करणी सेना ने अपनी सियासी महत्वाकांक्षा को स्पष्ट कर दिया है।
करणी सेना के इस कदम से यूपी की सियासत में हलचल मच गई है।अब सभी की नजर इस बात पर होगी कि करणी सेना अपनी चुनावी रणनीति को कैसे लागू करती है,कितने उम्मीदवार मैदान में उतारती है।राकेश रघुवंशी की अगुवाई में करणी सेना ने साफ कर दिया है कि वह अब केवल आंदोलनकारी संगठन की भूमिका तक सीमित नहीं रहेगी।