वाराणसी।देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी 2014 के बाद से देसी पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह थी।पहाड़ों और समुद्री इलाकों से अधिक लोगों ने बनारस की चहकती गलियों और मनमोहक घाटों को पसंद किया,लेकिन 26 फरवरी को प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ खत्म होने के बाद काशी में पर्यटकों की संख्या लगातार कम हुई है।होटल और लॉज की बुकिंग में भी 20 से 40 फीसदी तक की कमी देखी जा रही है।आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल मार्च,अप्रैल और मई में काशी में पर्यटकों की संख्या काफी कम हुई है।काशी में टूरिस्ट सीजन का कोई ऑफ सीजन नहीं है,लेकिन महाकुंभ की वजह से रामनगरी अयोध्या और काशी में जनवरी और फरवरी में भारी भीड़ रही,जिसका असर अब देखने को मिल रहा है।
काशी के स्थानीय होटल कारोबारी रजत साहनी ने बताया कि साल 2024 में अप्रैल और मई के समय में बनारस में टूरिस्ट की अच्छी खासी भीड़ थी,लेकिन इस समय भीड़ आधे से भी कम हो गई है।साहनी ने बताया कि बुकिंग भी पिछले साल की तुलना में करीब सिर्फ 30 फीसदी ही रह गई है।जून के महीने में भी सिर्फ वीकेंड के दिनों में यहां टूरिस्टों की आवाजाही देखी जा रही है।
इस कारण काशी से पर्यटकों का हुआ मोहभंग
रजत साहनी ने बताया कि इसका एक कारण काशी में पड़ रही भीषण गर्मी और दूसरा महाकुंभ का प्रभाव है,क्योंकि महाकुंभ में बड़ी संख्या में देशभर से टूरिस्ट काशी आए थे, जिसके कारण अब वे फिलहाल कुछ महीनों के लिए बनारस की ट्रिप कैंसिल कर रहे हैं।इसके अलावा पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के कारण भी अचानक टूरिस्टों की संख्या घट गई।
अब सावन से आश
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरके रावत ने बताया कि वाराणसी के पर्यटन में करीब 10 फीसदी की कमी आई है,लेकिन आगे त्योहारों का मौसम है और सावन मेले के साथ देव दीपावली जैसे महोत्सव भी काशी में हैं, जिससे उम्मीद है कि आने वाले समय में वाराणसी में फिर से टूरिस्टों की संख्या नया रिकॉर्ड बनाएगी।
हर दिन औसतन 2 लाख पर्यटक हुए कम
आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में 8 करोड़ 94 लाख से अधिक देसी-विदेशी टूरिस्ट काशी आए थे,साल 2024 में ये संख्या बढ़कर लगभग 11 करोड़ गई थी। 2024 में हर दिन औसतन 3 लाख पर्यटक काशी आए हैं,लेकिन साल 2025 में जनवरी और फरवरी को छोड़ दिया जाए तो मार्च, अप्रैल और मई के महीनों में 60 से 80 हजार लोग प्रति दिन काशी आए हैं।हालांकि जनवरी और फरवरी महीने में यह संख्या 4 से 5 लाख के करीब थी।