सावन में पहली बार आएगी ऐसी घड़ी,राम मंदिर में प्रभु श्रीराम और मां सीता साथ झूलेंगे झूला


सावन में पहली बार आएगी ऐसी घड़ी,राम मंदिर में प्रभु श्रीराम और मां सीता साथ झूलेंगे झूला

धनंजय सिंह | 25 Jun 2025

 

अयोध्या।पांच सौ वर्षों के बाद भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए।राजा राम के पदार्पण के बाद पहला सावन आ रहा है जब युगल सरकार के रूप में राजा राम मां सीता के साथ झूला झूलेंगे।निश्चित रूप से यह बहुत बड़ा दिन होगा,लेकिन निर्माण कार्यों की अस्त-व्यस्त स्थिति में आयोजन को वृहत्तर बनाना संभव नहीं होगा।फिलहाल उत्सव को पूरी भव्यता से मनाया जाएगा। इसके लिए रत्न जड़ित स्वर्ण झूले के निर्माण कराया जाएगा।

रामलला और उनके अनुजों के लिए रत्न जड़ित झूला पहले बनवाया गया था,लेकिन अब उनके लिए भी नये झूले का निर्माण होगा।समय आने पर उत्सव की भव्यता दिखाई देगी।फिलहाल अभी कुछ बताना जल्दबाजी होगी। 

सावन महीने में झूलनोत्सव राम नगरी का वह सांस्कृतिक उत्सव है जहां अध्यात्म के साथ गीत-संगीत की त्रिवेणी प्रवाहमान होती है।उत्सव को लेकर अलग-अलग मंदिरों की अलग-अलग आचार्य परम्परा है,जिसके अनुसार आयोजन किया जाता है।यह उत्सव कहीं पूरे महीने चलता है तो अधिकांश में सावन शुक्ल तृतीया से पूर्णिमा यानी 13 दिनों तक चलता है। इसके अलावा बाकी मंदिरों में एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों का उत्सव होता है। राम मंदिर में पांच दिनों के उत्सव की परम्परा चली आ रही है। जनवरी 1993 से यह परम्परा कायम है।

राम नगरी झूलनोत्सव की शुरुआत मणि पर्वत के उत्सव से होती है।सावन शुक्ल तृतीया तिथि को यहां विभिन्न मंदिरों से भगवान के श्रीविग्रह व स्वरूपों को लाकर झूले पर बैठाया जाता है और फिर मधुर उपासना परम्परा के आचार्यों के द्वारा रचित पदों का गायन होता है। यह युगल सरकार अर्थात भगवान राम और मां सीता के स्मृति का पर्व है। सैकड़ों सालों से कायम परम्परा संतों के उस श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है,जिसके पांच सौ सालों की प्रतीक्षा का अंत हो सका।


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