नई दिल्ली।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत से बात करके आतंकवाद,पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और व्यापार का मुद्दा सुलझाना चाहते हैं।शहबाज शरीफ अब सऊदी अरब के सामने गिड़गिड़ाए हैं। शहबाज शरीफ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब्दुल अजीज अल सउद से कहा है कि वह भारत से बात करने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज के अनुसार शहबाज शरीफ की मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात हुई।इस दौरान शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब से कहा कि पाकिस्तान पीओके,सिंधु जल संधि,व्यापार और आतंकवाद पर भारत के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर सख्त कदम उठाए थे।पाकिस्तान नागरिकों की वापसी,अटारी वाघा बॉर्डर बंद करना, पाकिस्तानियों को सार्क वीजा की छूट देना बंद करना, पाकिस्तान हाई कमीशन में स्टाफ की संख्या कम करना और सबसे अहम फैसला था सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना। भारत का रुख साफ है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और पीओके का मसला नहीं सुलझाएगा,तब तक उसके साथ किसी और मुद्दे पर भी चर्चा नहीं की जाएगी।
पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि का मुद्दा ओआईसी में 57 मुस्लिम देशों के सामने रखा और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अलग-अलग देशों की यात्रा पर भेजे गए बिलावल भुट्टो जरदारी के डेलीगेशन ने भी पानी का मुद्दा उठाया ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके।हालांकि पाकिस्तान की सारी कोशिशें नाकाम रहीं और किसी भी देश ने दिलचस्पी नहीं ली।
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था, जो दोनों देशों के लिए मान्य है।संधि के तहत सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी पर पाकिस्तान का और रावी, ब्यास और सतलज के पानी पर भारत का अधिकार है।इस तरह भारत को 20 फीसदी और पाकिस्तान को 80 फीसदी पानी मिलता है।इस लिहाज से पानी की इस पर ज्यादा निर्भरता है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को तबाह कर दिया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान पर कार्रवाई की।भारत की कार्रवाई में पाकिस्तान के नूर खान जैसे बड़े एयरबेस को काफी नुकसान हुआ था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।