लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ में शनिवार को सपा मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।गोरखपुर में विरासत गलियारा को लेकर अखिलेश यादव योगी सरकार पर जमकर बरसे। अखिलेश ने कहा कि कारिडोर के नाम पर भाजपाई लूट तंत्र सक्रिय है।जमीन कब्जे से लेकर शिक्षा,कानून-व्यवस्था और धार्मिक यात्राओं की सुरक्षा तक कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। अखिलेश ने बुलडोजर कार्रवाई को अन्याय का प्रतीक बताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल खड़े किए।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गोरखपुर में चल रहे विरासत गलियारा प्रोजेक्ट को आड़े हाथों लिया।अखिलेश ने आरोप लगाया कि वहां जबरन मकान और दुकानें हटवाई जा रही हैं, स्थानीय लोगों को डराकर सहमति पत्र भरवाए जा रहे हैं, गोरखपुर में गोरखधंधा चल रहा है,अगर वहां के लोगों ने राज खोल दिए तो विरासत गलियारा की जगह हिरासत गलियारा बनाना पड़ेगा।
गोरखपुर में सपा कार्यकर्ताओं से हुई अभद्रता को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को भाजपा के लोगों ने बुलडोजर लेकर रोका।पीड़ित दुकानदारों से मिलने नहीं दिया। इसमें पुलिस-प्रशासन भी उन्हीं लोगों का साथ दे रहा था।अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम ने गोरखपुर के लिए सबसे पहली घोषणा झांसी से की थी। उन्होंने कहा था कि झांसी और गोरखपुर में मेट्रो बनाएंगे। सरकार के नौ साल होने जा रहे हैं। ना तो झांसी में मेट्रो में बनी, ना ही गोरखपुर में।
अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर में जमीन मकान का मुआवजा आपसी सहमति से नहीं, बल्कि बाजार की कीमत के हिसाब से देना चाहिए।सरकार पुलिस को आगे करके डरा धमकाकर व्यापारियों और स्थानीय लोगों से जबरदस्ती सहमति पत्र जारी करा रही है।सीएम योगी को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने कहा कि जब उनकी खुद की जमीन का मामला था तो सर्वाधिक संभव मुआवजा लिया। जमीन देने की बात कहकर वाहवाही भी लूटी।
अखिलेश यादव ने कहा कि कारिडोर के नाम पर लूट तंत्र सक्रिय है।यह आसपास के लोंगो की जमीन औने-पौने दाम में ले लेते हैं।बाद में ऊंचे दाम में बेच देते हैं, या फिर वहां पर व्यापार करते हैं।अखिलेश ने कहा कि भाजपा वाले मलाई काट रहे हैं।स्थानीय लोगों के साथ धोखा हो रहा है,जहां जमीन दिखती है भाजपा उस पर कब्जा करने लगती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जहां जमीन दिखाई दे रही, वहां बीजेपी के लोग कब्जा कर रहे,ये एक शहर की कहानी नहीं है, जहां जमीन है, वहां शासन-प्रशासन का साथ लेकर बीजेपी के लोग कब्जा रहे हैं।गोरखपुर में विरोध के पीछे गोरखपुर से चुने गए सबसे बड़े लोग हो सकते हैं,जब आखिरी बजट बचा है, तब ये गोरखपुर के लिए विरासत गलियारा बनाने का काम कर रहे हैं,गोरखपुर में गोरखधंधा चल रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या और प्रयागराज में बीजेपी हारी,बनारस में हारते हारते बची।अब अगला नंबर मथुरा और गोरखपुर का है। अखिलेश ने कहा कि लखनऊ में बैठकर ये लोग यही प्लान करते हैं कि कैसे अपने गांव जिले में जमीन कब्जा की जाए। फर्जीवाड़ा सिसोदिया नर्सिंग कॉलेज में हुआ,जहां बच्चे घूम रहे कि उनकी डिग्री कहां से मिलेंगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम ने अपने गृह जनपद जाने का रिकॉर्ड बनाया है,वहां जनता दरबार लगता है,लेकिन एक नाबालिग यूट्यूबर के साथ रेप के आरोपी बीजेपी से जुड़े लोग हैं,यह सब जानते हैं,बुलडोजर अन्याय का प्रतीक बनता जा रहा है।अखिलेश ने कहा कि हम अपने दोनों नेताओं से कहेंगे कि वो गोरखपुर के डीएम और एसएसपी पर लिखित में कार्रवाई की मांग करें।हम किसी विकास के खिलाफ नहीं, लेकिन जिनकी दुकान और मकान जा रहा, लोगों को डराकर, धमकाकर कब्जा कर रहे,हम उसके विरोधी हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर के डीएम और एसएसपी पर अभी कार्रवाई नहीं हुई तो सपा सरकार बनने पर इन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी,जो लोग आरक्षण के विरोधी हैं,वह सोशलिस्ट व सेकुलरिज्म का विरोध कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने अपनी स्थापना के वक्त तय किया था कि सोशलिज्म व सेकुलरिज्म के रास्ते पर चलेगी। अब यह लोग इसका विरोध कर रहे हैं,यह लोग नफरत फैला कर राजनीति करते हैं,यह सीधे संविधान के खिलाफ नहीं बोल सकते, इसलिए सेकुलरिज्म व सोशलिस्ट का विरोध कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार धार्मिक यात्राओं तक को सुरक्षा नहीं दे पा रही है।इटावा कांड में बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने जाकर उस घर को बिगाड़ा है। अखिलेश ने कहा कि पहले भी वहां कथा हुई,वो पता करें कि किस जाति के लोग थे,जिन लोगों ने भगवान राम की जाति बताई,वो सबसे बड़े जातिवादी हैं। अखिलेश ने कहा कि स्कूल बंद करने के फैसले के पीछे साजिश है,जहां स्कूल मर्ज हुए, वहां चुनाव के दौरान बूथ बनने पर बीजेपी हारती है,जहां इनका वोटबैंक है,उस स्कूल में मर्ज किया जा रहा है।
बता दें कि योगी सरकार ने गोरखपुर में विरासत गलियारा बनाने की घोषणी की है।इससे वहां के दुकानदार प्रभावित हो रहे हैं।इसको लेकर सपा का एक प्रतिनिधिमंडल उन दुकानदारों से मिलने गया था।वहां पर भाजपाइयों ने उनको दुकानदारों से नहीं मिलने दिया।