संभल।पहाड़ों पर पिछले कई दिनों से हो रही मूशलाधार बारिश और मानसून के बढ़े प्रभाव के कारण उत्तर प्रदेश के संभल जिले में गंगा नदी उफान पर है।गंगा में उफान से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।गुन्नौर तहसील के राजघाट पर गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।पिछले तीन दिनों में गंगा के जलस्तर में लगभग 4 फीट तक वृद्धि हुई है।स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पहाड़ी इलाकों में बारिश यूं ही जारी रही तो राजघाट पर जलस्तर और अधिक बढ़ सकता है।इससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ को लेकर तैयारियों को पूरा कराया गया है।
संभल जिले में गुन्नौर तहसील क्षेत्र के नरौरा गंगा बैराज और राजघाट पर गंगा का जलस्तर बढ़ने से कुछ गांवों में किसानों की हजारों बीघा मक्का एवं बाजरे की फसलें जलमग्न हो गई है।ग्रामीणों का कहना है कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों का काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।इधर पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश का प्रभाव सावन माह में लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पड़ने की आशंका है।
गुन्नौर के राजघाट के आसपास रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बरसात के दौरान यहां पानी का स्तर तेजी से बढ़ता है।इससे पहले भी कई बार राजघाट के आसपास के गांवों में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है। सावन का महीना शुरू होने वाला है।ऐसे में लाखों श्रद्धालु हर साल यहां दर्शन और स्नान के लिए आते हैं। अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पेंसिया ने बताया कि जिले में बाढ़ से 36 गांव प्रभावित होते हैं।बाढ़ राहत का टेंडर दिया जा चुका है,यहां बहुत साल पहले बाढ़ आई थी,उसको देखते हुए हमने यहां पर लेखपाल और मजिस्ट्रेट की डयूटी लगाई हुई है। डीएम ने कहा कि टीमों की ओर से लगातार भ्रमण किया जा रहा है। प्रशासन ने 16 बाढ़ चौकियां और 13 बाढ़ शरण स्थल भी बनाए हैं, ताकि आपदा के समय लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
बता दें कि पिछले कई दिनों से पहाड़ों पर हो रही लगातार मूसलाधार बारिश का असर अब निचले इलाकों में दिखाई देने लगा है।यूपी में नदियां उफान पर हैं।लखीमपुर खीरी,बरेली, हापुड़,बाराबंकी,अयोध्या,वाराणसी,पीलीभीत,बदायूं और संभल समेत कई जिलों में नदियों के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।नदी के किनारे बसे गांवों में पानी भर गया।आसपास के खेतिहार इलाकों में भी पानी से फसलों का नुकसान हो रहा है।