भाजपा का डर या अपना दल में टूट की आशंका,अनुप्रिया पटेल ने कतरे पति आशीष के पर


भाजपा का डर या अपना दल में टूट की आशंका,अनुप्रिया पटेल ने कतरे पति आशीष के पर

धनंजय सिंह | 05 Jul 2025

 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश की सियासत में उस समय तहलका मच गया,जब अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अपने पति आशीष पटेल का पद घटा दिया।अनुप्रिया ने आशीष पटेल को डिमोट कर पार्टी में तीसरे नंबर का नेता बना दिया है।आशीष पटेल फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, लेकिन अब उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया है।खास बात यह है कि अपना दल द्वारा जारी लिस्ट में उपाध्यक्ष के रूप में माता बदल तिवारी का नाम आशीष पटेल से ऊपर है।इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है,लेकिन सियासी पंडित इसे अनुप्रिया पटेल की डैमेज कंट्रोल की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं।

क्या टूट सकती है अनुप्रिया पटेल की पार्टी

वैसे तो हर राजनीतिक पार्टी में समय-समय पर बदलाव होते हैं,लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों में इस तरह का बदलाव सामान्य नहीं होता।सपा,बसपा,राजद,शिवसेना जैसी पार्टियां एक परिवार के इर्द-गिर्द घूमती हैं।इन पार्टियों में आमतौर पर पार्टी के अन्य नेताओं पर कार्रवाई होती है,लेकिन परिवार के लोगों को हमेशा अभयदान मिलता रहा है।हालांकि 2025 में कुछ अपवाद भी हैं,जैसे बसपा मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था,वहीं लालू यादव ने तेज प्रताप यादव को राजद और परिवार से बेदखल कर दिया।अनुप्रिया पटेल की इस कार्रवाई से अब सियासी मतलब भी निकाले जा रहे हैं।सियासी पंडितों के मुताबिक अपना दल में इस बदलाव के बाद आशीष पटेल पहले जैसे प्रभावशाली नहीं रह जाएंगे।आइए जानते हैं अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने ऐसा निर्णय क्यों लिया।

पार्टी में बढ़ रही है अंतर्कलह

पार्टी संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती से ठीक एक दिन पहले पार्टी के संस्थापक सदस्य ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह पटेल की अगुवाई में बागी कार्यकर्ताओं ने अपना मोर्चा नाम से नई पार्टी के गठन का ऐलान किया था।ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल का दावा था कि उनका मोर्चा ही असली अपना दल है और पार्टी के 9 विधायक उनके संपर्क में हैं जो भाजपा से बात होते ही साथ आ जाएंगे।इस बगावत का मुख्य लक्ष्य आशीष पटेल ही थे। हालांकि अनुप्रिया पटेल ने ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।इससे साफ हो गया है कि अपना दल के भीतर जारी अंतर्कलह और बढ़ती बगावत को शांत करने के लिए अनुप्रिया पटेल ने अब परिवार से ऊपर पार्टी का संदेश देने की रणनीति अपनाई है।

भाजपा को साधने का प्रयास

पिछले कुछ दिनों से आशीष पटेल ने भाजपा के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया हुआ था।लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान आशीष पटेल ने बिना नाम लिए दावा किया कि बीजेपी के कुछ नेता उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आशीष पटेल ने यह भी आरोप लगाया कि अपना दल (एस) जितना आगे बढ़ रहा है, उतना ही उनके खिलाफ षड्यंत्र हो रहा है।ऐसे में लगता है कि भाजपा के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के साथ ही पार्टी के नाराज नेताओं को साधने के लिए अनुप्रिया पटेल ने ये बड़ी कार्रवाई की है।

क्या टूट सकती है अनुप्रिया पटेल की पार्टी

यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने ही लोगों का कद छोटा किया है।इससे पहले भी अनुप्रिया ने अपनी मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल के साथ भी ऐसा ही किया था।बाद में दोनों ने अपना दल से अलग होकर नई पार्टी बनाई थी।फिलहाल पल्लवी पटेल विधायक हैं।आशीष पटेल पर सबसे पहले पल्लवी पटेल ने ही आरोप लगाना शुरू किया था।आशीष पटेल को शक है कि पल्लवी पटेल को भाजपा का गुप्त समर्थन प्राप्त है।ऐसे में अगर अपना दल (एस) टूटती है तो 9 विधायक पल्लवी पटेल के साथ भी जा सकते हैं।


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