रेखा सरकार ने यमुना डूब क्षेत्र से पूरी तरह से अतिक्रमण हटाने का दिया निर्देश,तय की डेडलाइन


रेखा सरकार ने यमुना डूब क्षेत्र से पूरी तरह से अतिक्रमण हटाने का दिया निर्देश,तय की डेडलाइन

मनोज बिसारिया | 05 Jul 2025

 

नई दिल्ली।रेखा गुप्ता सरकार ने यमुना डूब क्षेत्र से पूरी तरह अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है।इसके लिए डेडलाइन भी तय कर दी है।पिछले साल डीडीए के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया था कि दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्र की दो-तिहाई भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।रेखा सरकार ने यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए 45 सूत्री कार्य योजना के तहत नवंबर तक यमुना के डूब क्षेत्र से सभी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है।

शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा स्वीकृत इस योजना पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में चर्चा की गई।इसमें दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति,दिल्ली नगर निगम,सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण सहित प्रमुख विभाग और एजेंसियां ​​शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि योजना के अनुसार डीडीए को नवंबर तक यमुना के डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है।एजेंसी ने पहले भी नदी के किनारे अवैध नर्सरी और अन्य अनधिकृत संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई की है।

अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी उत्तर-पूर्व और दक्षिणी दिल्ली के डूब क्षेत्र में कचरा डंपिंग,अनधिकृत आवास और अवैध खेती सहित अतिक्रमण की खबरें आम हैं।हाल के वर्षों में डीडीए ने 224 एकड़ डूब क्षेत्र की जमीन को फिर से कब्जे में लिया है।पूर्वी दिल्ली में असिता जैसे सार्वजनिक हरित क्षेत्र विकसित किए हैं।

डीडीए ने अप्रैल में एनजीटी को बताया कि उसने वजीराबाद बैराज और आईएसबीटी कश्मीरी गेट के बीच यमुना वनस्थली परियोजना के तहत 24 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया है।हालांकि अधिकारियों ने माना कि अतिक्रमण विरोधी अभियान को अक्सर लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा डूब क्षेत्र के उचित सीमांकन की कमी के कारण इसमें बाधा आती है।

पिछले साल डीडीए के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया था कि हाल के वर्षों में दिल्ली में यमुना बाढ़ क्षेत्र की दो-तिहाई भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। कार्य योजना में एजेंसियों को यमुना में बहने वाले नालों से सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाने के निर्देश भी शामिल हैं।

यमुना पुनरुद्धार से संबंधित चल रही परियोजनाओं को 10 भागों में बांटा गया है।इनमें नालियां, सीवेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पारिस्थितिकी प्रवाह संवर्धन और प्रवर्तन शामिल हैं। इनके लिए समय सीमा भी निर्धारित की गई हैं।

यमुना नदी 52 किलोमीटर तक दिल्ली से होकर बहती है। इसमें से वजीराबाद और ओखला के बीच का 22 किलोमीटर का हिस्सा सबसे प्रदूषित है। यमुना की सफाई भाजपा सरकार की प्रमुख प्रतिबद्धता है। अधिकारियों ने बताया कि अपने पहले बजट में सरकार ने जल और सीवरेज क्षेत्र के लिए 9000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।


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