देहरादून।उत्तरांचल विश्वविद्यालय के रिसर्च एवं इनोवेशन प्रभाग ने स्पैक्स के सहयोग से शुक्रवार को एक माह का ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम आयोजित किया।यह कार्यक्रम दो अत्याधुनिक विषयों पर केंद्रित था।हरित व्यवसाय और सूक्ष्मजीवविज्ञान और आणविक जीवविज्ञान में संगणनात्मक और विशलेषणात्मक विधियां खाद्य एवं जैव सामग्री का वर्णन।
विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जितेन्द्र जोशी ने रिसोर्स पर्सन्स और संकाय सदस्यों के प्रयासों की सराहना की।जोशी ने कहा कि रिसर्च एवं इनोवेशन छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।जोशी ने सभी योगदानकर्ताओं को उनके समर्पण और दूरदृष्टि के लिए बधाई दीइस इंटर्नशिप का एक उल्लेखनीय परिणाम यह रहा कि प्रशिक्षार्थीयों द्वारा पेटेंट दाखिल किए गए।साथ ही कई इनोवेटिव उत्पाद विकसित किए गए।ये उपलब्धियां विश्वविद्यालय की अनुसंधान-आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
इंटर्नशिप का समापन छात्रों द्वारा विकसित उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ हुआ,जिसका अवलोकन कुलपति प्रोफेसर धर्म बुद्धि द्वारा किया गया।अपने संबोधन में प्रो.बुद्धि ने व्यावहारिक शिक्षा और तकनीकी दक्षता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल इनोवेशन को बढ़ावा देती हैं तथा इन्हें स्टार्टअप के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
रिसर्च एवं इनोवेशन विभाग के निदेशक प्रो. राजेश सिंह ने छात्रों की विविध गतिविधियों के बारे में बताया। जिनमें हरित व्यवसाय प्रक्रिया मॉडलिंग, मशीन लर्निंग अनुप्रयोग, खाद्य एवं जैव सामग्री का वर्णन शामिल था।
रिसर्च एवं इनोवेशन विभाग के निदेशक प्रो. राजेश सिंह ने कार्यक्रम का समापन करते हुए छात्रों द्वारा की गई विविध गतिविधियों की जानकारी साझा की,जिनमें हरित व्यवसाय प्रक्रिया मॉडलिंग,मशीन लर्निंग अनुप्रयोग और खाद्य एवं जैव सामग्री का वर्णन शामिल था।
बता दें कि यह कार्यक्रम छात्रों को वर्तमान उद्योग और अनुसंधान प्रवृत्तियों के अनुरूप व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था।यह इंटर्नशिप पहल उत्तरांचल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता,नवाचार और अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कार्यक्रम में प्रो. सुमित चौधरी (निदेशक यूटीआई), प्रो. श्रवण कुमार (निदेशक एसएल), राजेश देओरारी (निदेशक IQAC), प्रो. अनीता गहलोत (संयुक्त निदेशक रिसर्च एवं इनोवेशन), डॉ. पूजा दास,अत्रेयी परमानिक और अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्य मौजूद रहे।