धर्म परिवर्तन कराने वाले जमालुद्दीन का एक और खेल आया सामने,कोर्ट क्लर्क की पत्नी के नाम कर दी पुणे के कुनेनामा की संपत्ति 


धर्म परिवर्तन कराने वाले जमालुद्दीन का एक और खेल आया सामने,कोर्ट क्लर्क की पत्नी के नाम कर दी पुणे के कुनेनामा की संपत्ति 

धनंजय सिंह | 07 Jul 2025

 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का रहने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा एक ऐसा नाम है जो कुछ साल पहले तक सड़कों पर अंगूठी और नग बेचता था,उसे अब 100 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया।अवैध धर्म परिवर्तन कराने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का अब एक और खेल सामने आया है।करोड़ों की संपत्ति जमालुद्दीन ने पुणे के लोनावला में खरीदा और उसे अपने खास गुर्गों के साथ-साथ बलरामपुर सीजेएम कोर्ट में तैनात क्लर्क राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी के नाम कर दिया‌।एसटीएफ और एटीएस की जांच में इस मामले खुलासा हुआ है।

लखनऊ से लेकर राजस्थान,बलरामपुर और पुणे तक फैले धर्म परिवर्तन नेटवर्क का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन पिछले कई सालों से एक संगठित सिंडिकेट चला रहा था। जमालुद्दीन खुद को बलरामपुर के उतरौला कस्बे में एक पीर बाबा के रूप में प्रचारित किया और धर्म परिवर्तन से अवैध विदेशी फंडिंग की मोटी रकम हासिल की।अब जो खुलासा हुआ है वह चौंकाने वाला है।

जमालुद्दीन बाबा ने महाराष्ट्र के पुणे के मावल तहसील के कुनेनामा गांव में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी।इसमें जमालुद्दीन ने अपने गुर्गा मोहम्मद अहमद खान, नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और बलरामपुर के कोर्ट क्लर्क राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी को पार्टनर बनाया।

सूत्रों के मुताबिक जमालुद्दीन बाबा के खिलाफ शिकायत करने वाले कई लोगों को उलझा दिया जाता था।सब पर
अलग-अलग तरह के मामले दर्ज हो जाते थे।.इस पूरे खेल में राजेश उपाध्याय नाम का कोर्ट क्लर्क भूमिका निभाता था, जो जमालुद्दीन के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने में मदद करता था.बदले में जमालुद्दीन ने पुणे की करोड़ों की संपत्ति में राजेश पत्नी संगीता देवी को पार्टनर बना दिया।

जमालुद्दीन बाबा ने अपनी कोठी के पीछे बनी चांद औलिया दरगाह को अपना ठिकाना बनाया और खुद को उसका सर्वे-सर्वा घोषित किया।सच्चाई ये है कि दरगाह की कमेटी या कार्यक्रम से जमालुद्दीन का कोई वास्ता ही नहीं है,उर्स के आयोजक भी जमालुद्दीन को नहीं पहचानते।

बलरामपुर के उतरौला थाना क्षेत्र में जमालुद्दीन की कोठी किसी किले से कम नहीं।तीन बीघे में बनी इस आलीशान कोठी में सीसीटीवी कैमरे,बिजली के दौड़ते तार और खूंखार कुत्ते, 50 से अधिक लोगों के रहने का इंतज़ाम है,आसपास के लोग भी डर से कैमरे पर कुछ बोलने से बचते हैं,लेकिन कहते हैं कि बाबा ने यह कोठी कुछ साल पहले ही बनाई और तब से यहां अजनबी लोगों की आवाजाही बढ़ी।

कुछ साल पहले तक यही जमालुद्दीन बलरामपुर की गलियों में अंगूठी और नग बेचता था।हिंदुओं को मूंगा-गोमेद,मुसलमानों को अकीक,लेकिन अचानक जमालुद्दीन गायब हो गया और फिर लौटते ही बाबा बन गया।अब न सिर्फ धर्म परिवर्तन करवा रहा था,बल्कि करोड़ों की संपत्तियों का मालिक भी बन चुका था।

जमालुद्दीन ने मुंबई के एक रोहरा परिवार का धर्म परिवर्तन  कराया। 2015 में दुबई में इस परिवार ने इस्लाम कबूल किया।नवीन रोहरा जमालुद्दीन बन गया,नीतू रोहरा नसरीन बन गई और नाबालिग बेटी सबीहा बन गई।इसके बाद इस परिवार के नाम पर पुणे और बलरामपुर में संपत्तियां खरीदनी शुरू हुईं।एटीएस की जांच में पता चला कि नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर 8 बैंक खाते खोले गए,जिनमें 5 करोड़ से ज्यादा की रकम संदिग्ध स्रोतों से आई।वहीं नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के खातों में विदेश से 34 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए।यह सारा लेन-देन धर्म परिवर्तन से जुड़े कामों में लगाया गया।इसी पैसों से पुणे,उतरौला,लखनऊ और अन्य जगहों पर संपत्तियां खरीदी गईं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जमालुद्दीन बाबा का प्रभाव इतना था कि कई अधिकारी उससे मिलने पर कुर्सी छोड़ खड़े हो जाते थे।एसटीएफ की शुरुआती रिपोर्ट भी इस ओर इशारा करती है कि जमालुद्दीन बाबा ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन को सेट करके अपने पूरे नेटवर्क को सालों तक चलाया।

16 नवंबर 2024 को एटीएस थाने में दर्ज हुई एफआईआर में जमालुद्दीन छांगुर बाबा,नीतू रोहरा, नवीन रोहरा समेत 10 लोगों के नाम थे।सबसे पहले जमालुद्दीन बाबा का बेटा महबूब और नीतू का पति नवीन गिरफ्तार हुए,लेकिन जमालुद्दीन बाबा और नसरीन 8 महीने तक फरार रहे।आखिरकार हाल ही में एटीएस ने शनिवार को लखनऊ से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।


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