छांगुर बाबा की करतूत का खुलासा: 40 देशों में पैठ,20 हजार शागिर्द बताकर जमाता था धौंस,कलमा पढ़ाने के साथ करता था ये काम


छांगुर बाबा की करतूत का खुलासा: 40 देशों में पैठ,20 हजार शागिर्द बताकर जमाता था धौंस,कलमा पढ़ाने के साथ करता था ये काम

धनंजय सिंह | 13 Jul 2025

 

बलरामपुर।राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हजारों लोगों का धर्म परिवर्तन कराने वाला मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की अब एक-एक कर कारतूस सामने आ रही है। प्रभाव जमाने के लिए छांगुर बाबा 40 देशों में पैठ होने की बात करता था। 20 हजार से अधिक शागिर्द होने की धौंस भी जमाता था। ताकत दिखाने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज कराने और धमकी दिलाने में देर नहीं करता था।छांगुर बाबा ने युवतियों की भी एक टीम बना रखी थी,जो किसी पर भी दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज करा देती थीं।

छांगुर बाबा धर्म परिवर्तन न करने वालों को सबक सिखाने में प्रशासनिक मशीनरी का प्रयोग भी बेखौफ होकर करता था। धर्म परिवर्तन के लिए राजी होने पर मोटी रकम देता था। लगभग 15 सालों से चल रहे इस खेल का खुलासा तब हुआ, जब छांगुर बाबा के करीबियों को यह करतूत नागवार गुजरी। इसके बाद विरोध का एक दौर शुरू हुआ।

मिली जानकारी के अनुसार‌ दो साल तक छांगुर बाबा के साथ रहने वाले एक व्यक्ति को धर्म परिवर्तन कराने की जानकारी हुई तो विरोध किया,जिसकी सजा उसे झूठे मामले में जेल जाकर चुकानी पड़ी,जान के लाले अलग से पड़ गए।अभी तक वह छुपकर जिंदगी जी रहा है।छांगुर बाबा धर्म परिवर्तन कराने के लिए पहले कलमा पढ़ाता था और फिर प्रतिबंधित पशु का मांस खिलाता था,इससे वह संतुष्ट होना चाहता था कि हिंदू धर्म से मोहभंग हुआ या नहीं।इस पूरी प्रक्रिया की छांगुर बाबा फोटो खींचता था और वीडियो बनाता था। वीडियो और फोटो इस्लामिक देशों की उन संस्थाओं को भेजता था,जो धर्म परिवर्तन के लिए फंड देती थीं।फंड को सुरक्षित करने के लिए छांगुर बाबा ने ट्रस्ट बना रखा था। छांगुर बाबा औरंगजेब को आदर्श मानता था,उससे जुड़ी पुस्तकों को भी पढ़ता था। 
जांच में जुटी यूपी एटीएस को ऐसे देशों से फंड मिलने के सुराग भी मिले हैं। 

 

छांगुर बाबा अपने विरोधियों को परास्त करने के लिए बड़े पैमाने पर पैसा खर्च करता था।शिकायत करने वाले बब्बू चौधरी को फंसाने और खुद को बचाने के लिए छांगुर बाबा ने पानी की तरह पैसे खर्च किए।बाराबंकी और बहराइच के कुछ पेशेवर लोगों को बब्बू चौधरी को मरवाने के लिए सुपारी भी दी, 25 लाख रुपये तो एफआईआर दर्ज कराने पर खर्च कर दिए। इसके अलावा वह हर काम के लिए खर्च तय करता था।

छांगुर बाबा ने अपने कद को कद्दावर बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए थे।पुणे की एक संस्था का पदाधिकारी बना था। प्रदेश स्तरीय पद का एक नियुक्ति पत्र हासिल किया था, जिसपर प्रधानमंत्री की भी तस्वीर भी लगी थी। इसकी शिकायत पीएमओ तक हुई और जांच शुरू हुई।

संस्था के सहारे ही छांगुर बाबा खुद को राष्ट्रवादी मुस्लिम के रूप में प्रस्तुत कर केंद्र सरकार तक पकड़ का दावा करता था। इसके पीछे पुणे की संस्था के मुखिया इदुल इस्लाम का हाथ था। राजनीतिक और प्रशासनिक पहुंच वाला इदुल हमेशा छांगुर बाबा के साथ खड़ा हो जाता था।

इसी संस्था के दम से छांगुर बाबा तमिलनाडु और कर्नाटक में संबंध जोड़े थे।केरल और कोलकाता में भी छांगुर बाबा जमीन तैयार कर रहा था।कोविड संकट की वजह से छांगुर बाबा का अभियान प्रभावित हो गया था,नहीं तो छांगुर बाबा हर प्रदेश में जमीन खरीद करके कोठी बनवा लेता और धर्म परिवर्तन का अभियान तेज करता।पुणे में छांगुर बाबा ने जमीन भी इसलिए खरीदी थी कि प्लॉटिंग करके कमाई करता और योजना को अंजाम देता।
 
धर्म परिवर्तन और देश विरोधी गतिविधियों की जांच में जुटी यूपी एटीएस को कई अहम सबूत मिले हैं।छांगुर बाबा के साथ शुक्रवार को उसके मधपुर आवास की जांच में भी महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। छांगुर बाबा से जुड़े कुछ और नाम सामने आए हैं। 10 के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में अब तक 18 नाम हो चुके हैं। यह फेहरिस्त अभी और लंबी होने की उम्मीद है।

छांगुर बाबा के करीबियों पर शिकंजा कसना अब तेज हो गया है। छांगुर बाबा के खास सिपहसालार ऐमन रिजवी, कमालुद्दीन,रियाल,सगीर की भूमिका की भी जांच तेज हो गई है।इनके बारे में अहम सबूत मिले हैं। सूत्रों के अनुसार छांगुर बाबा की निशानदेही पर ही एटीएस शुक्रवार को उसे लेकर मधपुर पहुंची थी।


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