आगरा।उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने एक बड़े धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।पुलिस ने 6 राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया।इसमें अब्दुल रहमान कुरैशी मास्टरमाइंड है।जांच में पता चला कि रहमान का गिरोह सैकड़ों लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है।पुलिस ने गोवा से आयशा,जयपुर से मोहम्मद अली,कोलकाता से ओसामा,पश्चिम बंगाल से दो,उत्तराखंड से एक,दिल्ली से एक, राजस्थान से तीन और यूपी से दो लोगों को गिरफ्तार किया।
आगरा पुलिस को अब्दुल रहमान के मुस्तफाबाद घर से धर्म परिवर्तन से जुड़ी भारी संख्या में किताबें मिलीं हैं,जो मौलाना कलीम सिद्दीकी ने लिखी थीं,लेकिन इन किताबों को अब्दुल रहमान बांटता था।अब्दुल खुद कन्वर्टेड मुस्लिम है।साल 1990 में महेंद्र पाल जादौन से पहले ईसाई बना फिर कुछ सालों बाद धर्म परिवर्तन कर अब्दुल रहमान बन गया।यही नहीं रहमान की पत्नी और दोनों बेटों की पत्नियां भी कन्वर्टेड मुस्लिम हैं,जो पहले हिंदू थीं।वहीं रहमान का भतीजा लंदन से फंडिंग को री-रूट करता था।
आयशा और मोहम्मद अली से पूछताछ में रहमान के नाम का खुलासा हुआ।आयशा और मोहम्मद अली ने पूछताछ में बताया कि रहमान चचा जैसा कहते,वैसा करते हैं,रहमान यूट्यूब चैनल और पॉडकास्ट के जरिए इस्लामी कट्टरपंथ का प्रचार करता था और हिंदू धार्मिक प्रतीकों का अपमान करता था।ओसामा हिंदू लड़कियों को इस्लामी बहन बनाने की ट्रेनिंग देता था।
बता दें कि जांच मार्च में शुरू हुई,जब आगरा में दो बहनें (33 और 18 वर्ष) लापता गायब हुईं।पता चला कि उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन के लिए निशाना बनाया गया।एक बहन ने सोशल मीडिया पर हथियार के साथ तस्वीर पोस्ट की थी।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि गैंग लव जिहाद और अतिवाद में शामिल था,जिसकी फंडिंग अमेरिका और कनाडा से होती थी।गैंग का मकसद धर्मांतरण के साथ-साथ भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश थी।युवाओं को नौकरी और पैसे का लालच देकर, खासकर युवतियों को लव जिहाद के लिए निशाना बनाया जाता था।धर्मांतरित व्यक्तियों को आर्थिक मदद, घर और सामाजिक सुरक्षा दी जाती थी।
पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने कहा कि मिशन अस्मिता के तहत लव जिहाद,अवैध धर्मांतरण और अंतरराष्ट्रीय जिहादी फंडिंग जैसे अपराधों को लक्ष्य बनाया जाता है।गैंग का तौर-तरीका आईएसआईएस की शैली से मिलता-जुलता था।