अलीगढ़।उत्तर प्रदेश में अवैध धर्म परिवर्तन कराने के खुलासे के बाद अलीगढ़ जिले में खुफिया एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं। विदेश से फंडिंग के तार जाकिर नाइक से जुड़े होने की बात सामने आने के साथ ही सिमी और पीएफआई भी जांच के दायरे में हैं।अलीगढ़ कनेक्शन भी सामने आया है।
जाकिर नाइक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कोर्ट सदस्य रह चुका है।चर्चा है कि जाकिर एक बार अलीगढ़ भी आया। वहीं सिमी की स्थापना 48 साल पहले अलीगढ़ में हुई थी। हालांकि इस पर प्रतिबंध लगने के बाद फिलहाल दफ्तर सील पड़ा हुआ है। साथ ही पीएफआई की शाखा एसडीपीएफआई के प्रदेशाध्यक्ष निजामुद्दीन को भी अलीगढ़ से पकड़ा गया था।
1975 में आपातकाल के दौरान तमाम छात्र संगठनों पर भी पाबंदी लगी थी।आपातकाल हटा तो छात्रों को लामबंद करने के इरादे से 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़ में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) की स्थापना की गई। यह संगठन एक दशक बाद ही रास्ता भटक गया। 80 के दशक में तमाम कार्यकर्ता उग्रवाद की ओर बढ़ चुके थे। इनकी राष्ट्रविरोधी हरकतें तब सामने आईं, जब अयोध्या में विध्वंस हुआ। तब सिमी नेताओं ने तिरंगे तक को सलाम करने से इन्कार कर दिया था। कई राज्यों में बम धमाकों में संलिप्तता की पुष्टि के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया। तभी से अलीगढ़ शहर के शमशाद मार्केट में खुला संगठन का दफ्तर सील है। उधर देशविरोधी गतिविधियों में फंडिंग को लेकर सुर्खियों में रहा संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का भी अलीगढ़ से कनेक्शन रहा। चर्चा है कि सिमी के सक्रिय सदस्य पीएफआई से जुड़ गए थे।
यूपी एसटीएफ ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआई) के प्रदेशाध्यक्ष निजामुद्दीन को सितंबर 2021 में अलीगढ़ से गिरफ्तार किया था। निजामुद्दीन क्वार्सी थाना क्षेत्र के धौर्रा माफी में कई साल से परिवार के साथ रह रहा था।बलरामपुर में निजामुद्दीन खचद को दिल्ली में रहना बताता था।अलीगढ़ में अधिक लोगों से उसका संपर्क भी नहीं था। पता चला था कि निजामुद्दीन प्रदेश में कई जगह भ्रमण कर चुका था। एसडीपीआई और पीएफआई के लिए निजामुद्दीन युवाओं को मतदाता और दान दाताओं को पार्टी की आइडियोलोजी के आधार पर जोड़ता था।पीएफआई से निजामुद्दीन सक्रिय रूप से 2016 से जुड़ा था।
अवैध धर्म परिवर्तन मामले में एनआईए एटीएस कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया कलीम सिद्दीकी का भी अलीगढ़ से नाता रहा है।कलीम अपने परिचितों से मिलने के लिए अलीगढ़ आता था। एटीएस को उसके यहां आने की जानकारी मिली थी।
अवैध धर्म परिवर्तन कराने और विदेशी फंडिंग में दोषी पाए गए उमर गौतम ने अलीगढ़ में भी अपना जाल फैला रखा था। गिरफ्तारी के बाद उमर की लिस्ट में 33 महिलाओं के नाम थे, जिन्होंने 2018 में धर्म परिवर्तन किया था,इनमें तीन महिलाएं अलीगढ़ की थीं।एटीएस की जांच में पता चला था कि उमर यहां 150 से अधिक लोगों के संपर्क में रहा,यहां कई कार्यक्रम किए थे।इसे लेकर स्थानीय एजेंसियों ने जांच भी की कि वह किसके माध्यम से यहां आया, मगर कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई थी।