गाजियाबाद में पकड़ा गया गजब टोपीबाज आदमी,12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट,सैटेलाइट फोन,तलाशी में चकरा गया यूपी एसटीएफ का दिमाग


गाजियाबाद में पकड़ा गया गजब टोपीबाज आदमी,12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट,सैटेलाइट फोन,तलाशी में चकरा गया यूपी एसटीएफ का दिमाग

मनोज बिसारिया | 23 Jul 2025

 

गाजियाबाद।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स की नोएडा यूनिट ने कवि नगर में एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है।मुख्य आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया है। हर्षवर्धन जैन किराए के मकान में वेस्ट आर्कटिक,सबोरगा,ओलिविया और लोडोनिया जैसे काल्पनिक देशों के दूतावास अवैध रूप से चला रहा था। हर्षवर्धन खुद को इन माइक्रोनेशन देशों का भारत में काउंसुल और राजदूत बताकर लोगों को ठगता था।

यूपी एसटीएफ के मुताबिक हर्षवर्धन जैन कवि नगर के एक किराए के मकान से यह अवैध दूतावास चला रहा था। हर्षवर्धन डिप्लोमेटिक नंबर प्लेटों वाली चार लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था और लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति और अन्य नामचीन हस्तियों के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरें दिखाता था। हर्षवर्धन का मुख्य काम कंपनियों और व्यक्तियों को विदेशों में नौकरी और कारोबार दिलाने के नाम पर दलाली करना था।इसके अलावा हर्षवर्धन शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट भी चला रहा था।हर्षवर्धन के तार कुख्यात चंद्रस्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खाशोगी से भी जुड़े रहे हैं। 2011 में हर्षवर्धन के पास से एक अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था,जिसका मामला कवि नगर थाने में दर्ज है।

एसटीएफ ने की बड़ी बरामदगी

डिप्लोमेटिक नम्बर प्लेट लगी 4 गाड़ियां

माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट

विदेश मंत्रालय की मुहर लगे कूटरचित दस्तावेज

 कूटरचित दो पैनकार्ड

5-विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मोहरें

2 कूटरचित प्रेस कार्ड

44,70000 रुपये कैश

कई देशों की विदेशी मुद्रा

कई कंपनियों आदि के दस्तावेज

18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट

डायरी में विभिन्न बैंक खातों और लोगों के फोन नंबर

विभिन्न कंपनी की 12 घड़ियां

एक लैपटाप और एक मोबाइल 

हर्षवर्धन का आपराधिक इतिहास

एसटीएफ के डिप्टी एसपी राजकुमार सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन जैन लंबे समय से फर्जी दस्तावेजों और शेल कंपनियों के जरिए अवैध गतिविधियां चला रहा था।वह काल्पनिक माइक्रोनेशन देशों के नाम पर लोगों को ठगता था और विदेशों में कारोबार या नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम वसूलता था। डिप्टी एसपी ने बताया कि उसने अपने ठिकाने को दूतावास का स्वरूप देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की।हर्षवर्धन ने फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट और प्रेस कार्ड बनवाकर कई लोगों को धोखा दिया,उसका हवाला रैकेट भी कई देशों तक फैला हुआ था,जिसकी जांच में एसटीएफ जुट गई है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

एसटीएफ ने हर्षवर्धन जैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (जालसाजी के इरादे से दस्तावेज बनाना), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।इसके अलावा पासपोर्ट एक्ट और अन्य कानूनों के उल्लंघन के लिए भी कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन के नेटवर्क की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, यह पता लगाया जा रहा है कि उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे और कितने लोगों को उसने ठगा।हवाला रैकेट और शेल कंपनियों के जरिए हुए लेनदेन की भी गहन जांच की जा रही है।


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