लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान बना रहा है।योगी सरकार की स्पष्ट नीतियों,पारदर्शिता,समयबद्ध क्रियान्वयन और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल ने यूपी को एक नए औद्योगिक युग में पहुंचा दिया है।
सीएम योगी के अब तक के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में 16 हजार से अधिक निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं,जिसमें 8 हजार से अधिक में वाणिज्यिक संचालन शुरू हो चुका है, जबकि 8 हजार से अधिक परियोजनाएं क्रियान्वयनाधीन हैं।योगी सरकार अब पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जेबीसी-5)की तैयारी कर रही है।इसका आयोजन नवंबर में होना है।इसके माध्यम से एक और बड़ा निवेश धरातल पर उतरने जा रहा है।
योगी सरकार ने अब तक दो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है।पहला समिट 2018 में हुआ,इसमें 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे।वहीं दूसरा समिट 2023 में हुआ,इसमें रिकॉर्ड 33.50 लाख करोड़ के रुपए निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए ही योगी सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रही है।
सीएम योगी के नेतृत्व में अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी संपन्न हो चुकी हैं,जिनके माध्यम से धरातल पर उतरे निवेश ने यूपी को एक नई पहचान दिलाई है।क्षेत्रवार परियोजनाओं का विश्लेषण करें तो निवेश परियोजनाओं में सबसे बड़ा हिस्सा विनिर्माण क्षेत्र (62.25फीसदी) का है। सेवा क्षेत्र में 28.09फीसदी परियोजनाएं हैं, जबकि शेष निवेश अवस्थापना और अन्य क्षेत्रों में हुआ है।
सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने निवेश के क्षेत्र में एक मजबूत,पारदर्शी और विश्वसनीय मॉडल प्रस्तुत किया है।योगी सरकार द्वारा सिंगल विंडो क्लीयरेंस,औद्योगिक भूमि की आसान उपलब्धता, बेहतर कानून-व्यवस्था, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और प्रशिक्षित मानव संसाधन जैसे कारकों की वजह से यूपी आज देश-विदेश के निवेशकों का विश्वसनीय निवेश गंतव्य बन चुकी है।इसी क्रम में पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC-5) नवंबर 2025 में प्रस्तावित है।निवेश को ज़मीन पर उतारने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनने जा रहा है।
योगी सरकार का लक्ष्य इस आयोजन के माध्यम से प्रारंभिक चरण में 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का है। इसके आयोजन की तारीख तक 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। यह आयोजन न सिर्फ यूपी को आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा में एक मजबूत औद्योगिक और आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि रोजगार के लाखों नए अवसर, स्थानीय स्तर पर उद्यमों का विकास और समग्र सामाजिक-आर्थिक प्रगति को भी रफ्तार देगा।
इन प्रमुख कंपनियों ने निवेश को धरातल पर उतारा
दोनों ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए जिन प्रमुख कंपनियों ने अपने निवेश को धरातल पर उतारा है,उनमें वीवो (IT व इलेक्ट्रॉनिक्स) 7429 करोड़ रुपए,टोरेंट गैस (औद्योगिक विकास)2751 करोड़ रुपए,टाटा पावर (नवीकरणीय ऊर्जा) 500 करोड़ रुपए,पेप्सिको (एफएमसीजी) 514 करोड़ रुपए,अदानी पावर 2500 करोड़ रुपए,हल्दीराम (उद्यान क्षेत्र) 100 करोड़ रुपए,एसीसी सीमेंट (सीमेंट)600 करोड़ रुपए,आईओएजी 490 करोड़ रुपए,एज्यूर पावर (यूपीनेडा) 1000 करोड़ रुपए,लिक्विड (यूपीसीडा) 3075 करोड़ रुपए,एसएलएमजी बेवरेजेस 550 करोड़ रुपए,आइकिया (रिटेल सेक्टर) 3400 करोड़ रुपए,जेके सीमेंट (सीमेंट)400 करोड़ रुपए,फेयर फॉक्स (आईटी & इलेक्ट्रॉनिक्स)1200 करोड़ रुपए,डालमिया भारत लिमिटेड (सीमेंट)600 करोड़ रुपए,हिंद टर्मिनल (लॉजिस्टिक्स)1250 करोड़ रुपए,एडवर्ब (IT & इलेक्ट्रॉनिक्स) 500 करोड़ रुपए,एसटी टेलीमेडिया 1130 करोड़ रुपए,डिक्सन टेक्नोलॉजी 270 करोड़ रुपए।
यूपी में क्रियान्वित हुई ये प्रमुख परियोजनाएं
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई बड़ी निवेश परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं या अंतिम चरण में हैं। इनमें से कुछ प्रमुख क्रियान्वित परियोजनाएं हैं।मथुरा-एयर लिक्विड नॉर्थ इंडिया,वी35 फूड्स,बदायूं-हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड,हापुड़-मून बेवरेजेस,रायबरेली-आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स,अमरोहा-अग्रिसिटी मासा प्रा. लि.,गौतमबुद्धनगर-वेब वर्क्स इंडिया, लावा इंटरनेशनल,बुलंदशहर-आर्टेक्स मिल्स,हमीरपुर-रिमझिम इस्ताप,मुजफ्फरनगर-ग्रीन गैस लिमिटेड,अलीगढ़-जेके सीमेंट,लखनऊ-पीटीसी इंडस्ट्रीज,फीनिक्स मॉल,नोएडा-अदानी इंटरप्राइजेज,अमेठी-एसीसी सीमेंट,बिजनौर-एसएलएमजी बेवरेजेस और कानपुर- स्पर्श इंडस्ट्रीज।