प्रयागराज।उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना उफान पर है।गंगा और यमुना ने खतरे के निशान को पार कर दिया है।जलस्तर खतरे के बिंदु 84.734 मीटर के ऊपर पहुंच गया है।स्थिति काफी भयावह हो गई है।गंगा और यमुना के किनारे के दो दर्जन से अधिक मुहल्लों के हजारों घरों में पानी भर गया है।घर में पानी भरने से लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
प्रशासन ने राहत बचाव कार्य किया तेज
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है।बाढ़ राहत शिविरों में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।दो हजार से ज्यादा लोग राहत शिविर में शरण लिए हैं। गंगा-यमुना के खतरे का निशान पार करते ही दो दर्जन से अधिक मोहल्लों के सैकड़ों घर बाढ़ में घिर गए हैं,सड़कों और गलियों में भी पानी भर गया है।बड़ी संख्या में लोगों को नावों से बाहर निकालना पड़ा है।
चंबल से मिली राहत तो टोंस ने बढ़ाई चिंता
गंगा के जलस्तर में तेज गति से बढ़ने के आसार हैं।कानपुर से 80 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी लगातार आ रहा है,नरौरा से भी पानी लगातार आ रहा है।ऐसे में गंगा के जलस्तर में तेजी बढ़ोतरी जारी है।वहीं चंबल नदी ने कुछ राहत दी है।शुक्रवार सुबह तक केन,बेतवा और चंबल नदी उफान थी।केन और बेतवा अब भी उफान पर हैं,लेकिन चंबल में पानी कम हो गया है,जिससे यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई है,लेकिन टोंस नदी ने चिंता बढ़ा दी है।टोंस में तेज रफ्तार से पानी आ रहा है,जिससे तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।इसके अलावा दबाव बढ़ने से छतनाग से पानी निकलने की रफ्तार पर अंकुश लगने की आशंका बन गई है।इससे कछारी इलाके में गंगा का पानी और फैलने की संभावना है।
भइया आधी रात तक सब ठीक रहा,सवेरे घर में पानी भर गवा
स्टैनली रोड स्थित मेहबूब अली इंटर कॉलेज में शुक्रवार को कक्षाएं चल रही थीं।इसी दौरान लगभग 11 बजे तक बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच गए।दिन में 12 बजे स्कूल बंद होने तक 100 से ज्यादा बाढ़ से प्रभावित लोग यहां पहुंच गए। छुट्टी के बाद प्रशासन की टीम ने इनके रहने की व्यवस्था की।
मेहबूब अली इंटर कॉलेज को बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है,लेकिन बृहस्पतिवार आधी रात तक बेली कछार और गांव में बाढ़ का पानी काफी दूर था।ऐसे में शुक्रवार को स्कूल खुला रहा और पढ़ाई हुई,लेकिन सुबह तक क्षेत्र के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया।सड़कें और गलियां बाढ़ की चपेट में आ गईं। ऐसे में मेहबूब अली इंटर कॉलेज में सुबह से बाढ़ से प्रभावित लोगों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया।राहत शिविर में पहुंचे बेली गांव में शिव मंदिर के पास रहने वाले सुनील गौड़, प्रियंका,मोहम्मद यूसुफ का कहना था कि रात में बहुत तेजी से पानी बढ़ा।इसकी उम्मीद नहीं थी,इसलिए वे लोग निश्चिंत थे। सुनील का कहना था कि उनके मकान का भूतल ही बना है और उसमें कमर तक पानी भर गया। छत पर तिरपाल लगाकर सामान रख दिया है। पूरा परिवार शिविर में आ गया है।
एनडीआरएफ,सीडीआरएफ ने संभाली कमान,लगाई गईं नावें
बाढ़ से एनडीआरएफ और सीडीआरएफ की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं।तहसील प्रशासन द्वारा 12 नावें चलाई गई हैं।बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का क्रम जारी है। पार्षदों और क्षेत्र के प्रभावी लोगों को लेखपालों, एनडीआरएफ के अफसरों और नाविकों के मोबाइल नंबर दिए गए हैं।ताकि बाढ़ में घिरे लोग मदद मांग सकें।सिविल डिफेंस के लोग भी सक्रिय हैं।एसडीएम सदर अभिषेक सिंह का कहना है कि 10 अतिरिक्त नावें भी रखी गई हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें भी चलाया जाएगा। एसडीएम ने बताया कि शुक्रवार शाम तक चार बाढ़ राहत शिविर शुरू हो गए थे।
छह सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर
गंगा और यमुना का जलस्तर छह सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है।कई मुहल्ले बाढ़ से घिर गए हैं,लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।राहत शिविरों में प्रभावितों की संख्या शुक्रवार की शाम को ही दो हजार के पार हो गई थी।
ये मुहल्ले हैं प्रभावित
सदर तहसील के कछार मऊ/सरैया,राजापुर देह माफी, असदुल्लापुर मोहम्मदाबाद,बेली कछार,बेली उपरहार,बघाडा जहरूद्दीन,बघाडा बालन,मेहंदौरी कछार,शिवकुटी,चांदपुर सलोरी उपरहार,सादियाबाद कछार,चिल्लापटटी,अराजी बारूद खाना कछार,आराजी जोधवल,अराजी बारूद खाना उपरहार,गोविंदपुर,चांदपुर सलोरी कछार,बकशी उपरहार, बकशी कछार,बभनपटटी कछार,बराही पटटी कछार,मुस्तफा बाद मुंस्कसमा,सराय मौज उर्फ कीडगंज,बखतियारा, दरियाबाद,मेहदौरी उपरहार,म्योराबाद,नकौली कछार,कछार भिखी सराय,नकौली उपरहार,नेवादा आदि शामिल हैं।
फुलपुर तहसील के तीन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं,इसमें सोनौटी,बदरा और ढोकरी,करछना तहसील के दो गांव देहली भगेसर और हथसरा,सोरांव तहसील के दो गांव फाफामऊ और गंगानगर,मेजा तहसील के दो गांव मेजा झरियारी और अमिलिया खुर्द प्रभावित हैं।पांच सौ से अधिक परिवार बाढ़ शिविरों में हैं। 13 गांवों का संपर्क टूट गया है,जिससे आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है।
बनाए गए हैं 95 बाढ़ राहत शिविर
प्रशासन के आंकड़ों पर नजर डालें तो बाढ़ प्रभावित लोगों के ठहरने के लिए जिले में कुल 95 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं।इसमें भोजन,पेयजल,दवा,बिस्तर आदि की व्यवस्था है। सदर तहसील में 26 शिविर,सोरांव में सात,फूलपुर में 13, करछना में 20, मेंजा में 11, बारा में नौ, हंडिया में छह,कोरांव में तीन राहत शिविर संचालित हैं।