मथुरा।उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना नदी उफान पर है। हथिनी कुंड बैराज से यमुना में 24 घंटे तक छोड़े गए 1 लाख 78 हजार क्यूसेक पानी ने यमुना के तटीय आबादी वाले क्षेत्रों में खलबली मचाना शुरू कर दिया है।यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ 19 सेमी नीचे है।जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से यमुना में नाव और स्टीमरों के संचालन पर सख्ती से रोक लगा दी गई है। 39 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है, जबकि 25 स्थानों पर सेल्टर होम बनाए गए हैं। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने नौहझील के प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर निर्देश दिए हैं।
यमुना के जलस्तर में वृद्धि से नौहझील शेरगढ़ रोड पर पानी का तेज बहाव है।यहां पुलिस ने एहतियातन आवागमन पर रोक लगा दी।वृंदावन में प्राचीन केशीघाट से लगा हुआ अधिकांश परिक्रमा मार्ग पर यमुना का पानी भर गया।इसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा श्रृंगारवट,चीरघाट क्षेत्र से लेकर केशीघाट क्षेत्र तक परिक्रमार्थियों के साथ-साथ श्रद्धालुओं के आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
बीते दिनों उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के बाद यमुना नदी में भारी पानी आ गया है। लगभग चार दिन पहले ताजेवाला के हथिनी कुंड बैराज से यमुना में 24 घंटे तक 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके बाद इसे कुछ कम करके 1.19 लाख क्यूसेक कर दिया गया था। यह पानी अब मथुरा तक पहुंचने लगा है,इससे यहां पर यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है।तेजी से पानी आने से यमुना में गोकुल बैराज से डिस्चार्ज काफी बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद जलस्तर अभी भी नियंत्रित होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।सोमवार शाम को गोकुल बैराज से 83 हजार 720 क्यूसेक पानी आगरा के लिए डिस्चार्ज किया जा रहा है, जबकि दिल्ली के ओखला बैराज से शाम छह बजे 79 हजार 657 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जाने लगा है।
मथुरा के प्रयाग घाट पर यमुना का जलस्तर चेतावनी चिह्न 165.20 मीटर से 61 सेमी ऊपर बहने लगा है। सोमवार सुबह से ही लगातार यहां पर जलस्तर धीरे-धीरे करते हुए बढ़ता ही चला जा रहा है। शाम को छह बजे यहां यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 166 मीटर से मात्र 19 सेंटीमीटर नीचे 165.81 मीटर पर पहुंच गया है। इससे तटीय इलाकों में खलबली मच गई। अभी भी रात को यमुना में जलस्तर के बढ़ने की संभावना जताई है। संभावना है कि रात को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को भी पार कर जाएगा।
मथुरा में विश्राम घाट के आरती स्थल को यमुना ने चारों ओर से घेर लिया है। गोकुल बैराज के दोनों ओर पानी भरकर चल रहा है। वृंदावन के केसी घाट के यमुना की चपेट में आने के बाद यहां बैरिकेडिंग करके प्रवेश रोक दिया गया है। बल्देव के नगला अकोस का एक मात्र मार्ग यमुना में चपेट में आ गया है, जिसके चलते यहां स्टीमर लगाया गया है, ताकि ग्रामीणों की आवाजाही संभव हो सके।
उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से वृंदावन में यमुना नदी के जलस्तर में सोमवार शाम को बढ़ोत्तरी होती दिखाई दी,जिससे प्राचीन केशीघाट से लगा हुआ अधिकांश परिक्रमा मार्ग यमुना का पानी भर गया।इसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा श्रृंगारवट-,चीरघाट क्षेत्र से लेकर केशीघाट क्षेत्र तक परिक्रमार्थियों के साथ-साथ श्रद्धालुओं के आवागमन को सुरक्षा की दृष्टि से देखते हुए बेरीकटिंग लगाकर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
यमुना खादर क्षेत्र में बसी कॉलोनी के लोगों में दहशत का माहौल भी उत्पन्न हो गया। सोमवार शाम से यमुना के जल में बढ़ोत्तरी होते देख खादर इलाके की कॉलोनी में रहने वाले लोगों की धड़कन तेज हो गई है,जिन्हें रात को पानी बढ़ने का पूरा अंदेशा सता रहा है। लोगों का कहना है कि अंधेरे में यदि पानी और अधिक बाद तो निश्चित रूप से उनकी कालोनी जल में हो जाएगी और उनकी दिक्कत है पहले से और अधिक बढ़ जाएगी।