दिल्ली में बिगड़े हालात,यमुना का जलस्तर 207 मीटर पार, लोग बिस्किट से कर रहे गुजारा


दिल्ली में बिगड़े हालात,यमुना का जलस्तर 207 मीटर पार, लोग बिस्किट से कर रहे गुजारा

मनोज बिसारिया | 03 Sep 2025

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना विकराल रूप धारण करती हुई नजर आ रही है।दिल्ली के लोगों को यमुना की लहरें डरा रही हैं,बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे हैं।घर छोड़ चुके लोग बिस्किट से गुजारा कर रहे हैं।बुधवार को यमुना ने एक रिकॉर्ड तोड़ दिया।यमुना का जलस्तर दोपहर 1 बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया। 1963 के बाद से यह 5वीं बार है जब यमुना के जलस्तर ने 207 मीटर के निशान को पार किया है।

यमुना का जलस्तर कब कितना मीटर

1- 2023 - 208.66 मीटर

2- 1978 - 207.49 मीटर

3- 2013 - 207.32 मीटर

4- 2010 - 207.11 मीटर

दिल्ली में बिगड़े हालात

दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सड़कें नदियां और बाजार तालाब बन गए हैं।यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर से जान और सामान बचाने के लिए लोग सुरक्षित जगहों की ओर भाग रहे हैं।मजनू का टीला में दुकानदारों से लेकर मदनपुर खादर और बदरपुर में रहने वाले परिवार अब अस्थायी शेल्टरों में रह रहे हैं।निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से 7,500 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

टूटा बांध,झाड़ौदा कलां में 5 फीट पानी

हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित मंगेशपुर नाले का बांध मंगलवार रात को अचानक टूट गया,जिससे दिल्ली के झाड़ौदा कलां स्थित गीतांजलि एन्क्लेव में करीब पांच फीट तक पानी भर गया।पुलिस ने पूरी रात राहत-बचाव अभियान चलाया और पानी में फंसे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें इलाके के सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया गया। बुधवार सुबह एनडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया।

निगमबोध श्मशान घाट में घुसा पानी

यमुना का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट में घुसना शुरू हो गया है।नदी के किनारे से पानी परिसर में रिसने लगा है,घाट अभी भी चालू है,घाट पर अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं।अगर जलस्तर बढ़ता है तो श्मशान घाट को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ सकता है। लाल किले के पीछे रिंग रोड पर स्थित निगमबोध घाट शहर का सबसे पुराना,सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है।

याद आया 2023 का मंजर

पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया है। मजनू का टीला में पानी गलियों में घुस गया है, इससे बाजार में सन्नाटा पसरा है।दुकानदार अनूप थापा ने कहा कि यह 2023 के बाद दूसरी बार हुआ है। उन्होंने रात 11 बजे अपनी दुकान खाली कर दी। फिर भी कुछ सामान खराब हो गया है। थापा, पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ सड़क किनारे बने एक कैंप में चले गए हैं।

सड़क किनारे प्लास्टिक तानकर रह रहे लोग

मदनपुर खादर में अपनी झुग्गियां खो चुके परिवार सड़क के किनारे प्लास्टिक की पुरानी चादरें बांधकर रह रहे हैं। एक निवासी तैयरा ने कहा कि हमारा सारा सामान अंदर है। हम मुश्किल से कुछ चीजें बाहर निकाल पाए। महिलाओं को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कोई शौचालय नहीं है। आवारा कुत्ते भी बढ़ते पानी से बचने के लिए खाली पड़े घरों की सीढ़ियों पर चढ़ गए हैं।

बिस्किट खाकर गुजार कर रहे लोग

एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि परिवारों के पास न तो खाना है और ना ही बर्तन,हम अपने खाना पकाने का सामान भी नहीं ला सके।अब हमारे पास खाना पकाने की कोई सुविधा नहीं है। लोग सिर्फ बिस्किट खाकर गुजारा कर रहे हैं। लोगों को अपने बुजुर्ग माता-पिता को कमर तक गहरे पानी में से पार कराते हुए देखा गया। कुछ लोग सड़क किनारे टेंटों में अपने बचाए हुए सामान के साथ बैठे नजर आए।

कारें,मोटरसाइकिलें,घर-दुकानें सब डूबीं

राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में कारें, मोटरसाइकिलें और फर्नीचर पानी में डूबे हुए नजर आ रहे हैं। कई निवासी दूर खड़े होकर बेबसी से अपने घरों को पानी में डूबते देख रहे हैं। मॉनेस्ट्री मार्केट में एक दुकानदार सचिन यादव ने कहा कि हमारी दुकान कल से बंद है,पूरा परिवार इसी पर निर्भर था। पानी को कम होने में कई दिन लगेंगे। इतने दिन तक हमारी कोई कमाई नहीं होगी।

यमुना बाजार में हालात बेहद खराब

यमुना बाजार में हालात बेहद खराब हैं।मानो घर और दुकानें नदी के बीच में खड़ी हों।यमुना बाजार के एक दुकानदार रोहित कुमार ने कहा कि पर्व एक त्योहारी सीजन अभी शुरू ही हुआ है कि हमारी कमाई खत्म हो गई। हमें अभी भी किराया देना है। पानी कम होने के बाद सब फिर से ठीक करना होगा। 

कालिंदी कुंज, विश्वकर्मा कॉलोनी एरिया, बदरपुर में बाढ़

बदरपुर में घरों की छतें मुश्किल से बाढ़ के पानी के ऊपर नजर आ रही हैं। सिर पर सामान लिए एक निवासी आसिफ ने कहा कि मैंने पत्नी और बच्चों के साथ रहने के लिए वर्षों की कड़ी मेहनत से यह घर बनाया था,अब यह पानी में डूबा है, हम अब कहां जाएं।बाढ़ के पानी में इलाके के कुछ लोग अभी भी फंसे हैं। कालिंदी कुंज और विश्वकर्मा कॉलोनी क्षेत्र में बाढ़ आ गई। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कालिंदी कुंज और विश्वकर्मा कॉलोनी क्षेत्र में बाढ़ आ गई है।

7,500 से अधिक लोग निकाले गए

वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है। सुबह आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 1.62 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। निकाले गए लोगों को 25 स्थानों पर ठहराया गया है,इन जगहों पर राहत कैंप लगाए गए हैं।पांच जिलों - पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और मध्य दिल्ली से 7,500 से अधिक लोगों को निकाला गया है।


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