बाढ़ से बेकाबू हालात:मथुरा-वृंदावन में हाई अलर्ट,टापू बने 13 गांव,चारो तरफ पानी ही पानी


बाढ़ से बेकाबू हालात:मथुरा-वृंदावन में हाई अलर्ट,टापू बने 13 गांव,चारो तरफ पानी ही पानी

धनंजय सिंह | 05 Sep 2025

 

मथुरा।पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश की वजह से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।जिले में लगभग एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं।मथुरा-वृंदावन में यमुना से सटी दर्जनों कॉलोनियों में चार-चार फीट तक पानी भर गया है।कुछ गांवों की देहरी तक भी यमुना का पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने यमुना के जलस्तर को लेकर शुक्रवार और शनिवार को हाई अलर्ट जारी किया है।डीएम और आला अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं।लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील भी की है।अब तक लगभग 1500 विस्थापितों को राहत शिविरों में भेजा जा चुका है।

 नौहझील,मांट,छाता समेत यमुना से सटे अन्य क्षेत्रों के 23 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।इसमें से 13 गांव ऐसे हैं,जो पूरी तरह यमुना के पानी की चपेट में हैं।इसमें सबसे अधिक नौहझील क्षेत्र से लगभग नौ गांव शामिल हैं।इन्हीं क्षेत्रों के कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां शुक्रवार और शनिवार की रात को पानी घुसने की आशंका जताई जा रही है। 

 

मथुरा-वृंदावन यमुना खादर का भी यही हाल है।दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं,तो कई कॉलोनियों में धीरे-धीरे यमुना का पानी घुस रहा है।बीते दिनों हथिनीकुंड से 3.29 लाख क्यूसेक छोड़े गए पानी से मथुरा में बाढ़ से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। 
 

वृंदावन में यमुना ने लोगों की नींद उड़ा दिया है।तेज रफ्तार से पंख फैलाती यमुना घाटों से निकलकर कॉलोनियों और सड़कों तक पहुंच गई है।कई घाटों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।अब तक बाढ़ से प्रभावित दर्जनों कॉलोनियों से डेढ़ हजार से अधिक लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया। वहीं पशुओं को सुरक्षित आसरा दिया है।

वृंदावन में यमुना ने घाटों, कॉलोनियों और संकरी गलियों को जलमग्न कर दिया है।निचले इलाकों में हालात बेहद चिंताजनक हैं।प्रशासन ने कई घाटों पर बैरिकेडिंग की है। पीएसी की तैनाती के साथ राहत और बचाव कार्य तेज दिया गया है। पहले तो केसी घाट को बंद किया गया था, लेकिन अब देवराह बाबा घाट को भी कर दिया है। जगन्नाथ घाट और कालिदह मार्ग में सड़कें यमुना के पानी से लबालब हो रही हैं। यहां भी प्रशासन ने बैरियर लगा दिए हैं। 

दो दर्जन कॉलोनियों को बुरा हाल हो रहा है।भक्ति विहार, घनश्याम वाटिका,श्रीजी वाटिका,टटिया स्थान की गौशाला, श्याम नगर,केशव नगर,अक्रूर धाम,मोहिनी नगर आदि क्षेत्रों की हालत खराब हो रही हैं। पिछले दो दिनों में नावों की मदद से लगभग 1500 लोगों को उनके जलमग्न घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।कई घरों में पानी घुस चुका है, लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं।शहर के अंदर सड़कों पर नावें चल रही हैं।ऐसा लग रहा है वृंदावन जल-नगरी है।

बीते 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 166.40 मीटर से 16 सेंटीमीटर अधिक दर्ज किया गया है, जोकि खतरे के निशान 166 मीटर से 56 सेंटीमीटर अधिक है। सिंचाई विभाग अपर खंड एक्सईएन नवीन कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम चार बजे हथिनीकुंड से 1.32 लाख क्यूसेक और ओखला से 2.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि गोकुल बैराज से 1.11 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।

 डीएम चंद्रप्रकाश सिंह लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं। डीएम ने गुरुवार को कई क्षेत्रों का हाला जाना।एडीएम एफआर डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में कुल 23 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इनमें दो गांव के तो संपर्क मार्ग भी बाधित हैं। वहीं करीब छह गांव ऐसे हैं, जिनकी सिर्फ फसल बर्बाद हुई, लेकिन लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावितों के लिए कई क्षेत्रों में 39 बाढ़ चौकियां बनाई गईं हैं। प्रत्येक बाढ़ चौकी पर क्षेत्रीय एसडीएम निगरानी कर रहे हैं और लेखपाल एवं नायब तहसीलदार को क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं।

विधायक राजेश चौधरी ने गुरुवार को क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।विधायक ने नाव की जरिये डांगोली, नगला सुदामा,जहांगीरपुर,बेगमपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।यमुना किनारे स्थित देवराहा बाबा आश्रम में साधु संतों से मुलाकात की।

विधायक राजेश चौधरी ने कहा कि जो भी गांव बाढ़ प्रभावित हैं वहां ग्रामीणों की आवश्यकता की वस्तुएं प्रशासन की मदद से पहुंचायी जा रही हैं। देवराह आश्रम के बड़े महाराज देवदास ने कहा की आज तक कोई भी विधायक बाढ़ में फंसे लोगों से बात करने के लिए नहीं आया। एसडीएम रितु सिरोही ने बताया की बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। 

तहसील प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए क्षेत्र में चार शेल्टर होम बनाए हैं।इनमें विकास,पुलिस,राजस्व और मेडिकल की व्यवस्था की गई है।एसडीएम वैभव गुप्ता ने बताया कि यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गांव शाहपुर,धानौता, गुलालपुर व नगला नंदी में शेल्टर होम बनाए गए हैं। 

शाहपुर व धानौता पर नायब तहसीलदार कोसीकलां शंकर पटेल व थानाध्यक्ष अरविंद कुमार और गुलालपुर व नगला नंदी पर नायब तहसीलदार छाता जयंती मिश्रा व थानाध्यक्ष शेरगढ़ प्रदीप कुमार को नोडल अधिकारी बनाया है। शेल्टर होम पर खानपान,पानी के टैंकर,सफाई की व्यवस्था के साथ लेखपाल, अमीन, डॉक्टर तैनात किए हैं। 

यमुना का जलस्तर बढ़ने से गांव बहटा बांगर बाढ़ की चपेट में आ गया है। प्रभावित लोगों को प्रशासन ने शिफ्ट कराया है। डीएम सीपी सिंह ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित 43 लोगों को नगला नंदी के प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कराया है। इनमें 25 महिलाएं, 16 पुरुष व 2 बच्चे हैं। प्रभावित लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की गई। इस दौरान एसडीएम वैभव गुप्ता, सीओ भूषण वर्मा, तहसीलदार सचिन पवार, नायब तहसीलदार जयंती मिश्रा, एसएचओ प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे। 

 

महावन तहसील क्षेत्र में यमुना स्थित राधारानी मंदिर के पास बना लाडली कुंड बाढ़ के पानी से भर गया है। यहां बने पार्क भी पानी से लबालब हैं। ग्रामीण नाहर सिंह ने बताया गया यमुना के पानी से खेतों में खड़ी धान, बाजरा, ज्वार की फसल डूब गई हैं। पशुओं के लिए हरे चारे की दिक्कत हो रही है। पानी बढ़ते हुए निचले आबादी वाले इलाकों में घरों में घुस गया है। प्रशासन की तरफ से अभी कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है। 

बाढ़ प्रभावित गांव बाबूगढ़,नगला सपेरा,धीमरी गुलालपुर, सपेरा नगला,चमन गढ़ी,ओवा बहटा आदि गांवों के लोग घरों से सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। छाता एसडीएम वैभव गुप्ता और शेरगढ़ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने बाढ़ से घिरे घरों को खाली कराया और पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर उनके भोजन आदि की व्यवस्था की। गुरुवार दोपहर जिला प्रशासन ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए क्षेत्र में पीएसी तैनात की है। स्टीमर में बैठकर अधिकारी क्षेत्र में निगाह बनाए हुए हैं। एसडीएम वैभव गुप्ता ने बताया कि अक्षयपात्र के माध्यम से पीड़ितों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।


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