लखनऊ।बेसिक शिक्षा विभाग में काम कर रहे देश के लाखों शिक्षकों के लिए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया था। एससी ने कहा था कि अब सभी शिक्षकों को टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा,जिन शिक्षकों की सेवा अभी 5 साल और है, उन्हें भी टीईटी परीक्षा पास करनी होगी,अगर वह ये परीक्षा पास नहीं कर पाते तो उन्हें या तो सेवा से इस्तीफा देना होगा या उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति यानी कंपल्सरी रिटायरमेंट लेनी पड़ेगी।एससी ने साफ कहा था कि नए शिक्षकों को भी नियुक्ति से पहले ये परीक्षा पास करनी होगी और शिक्षकों को अपने प्रमोशन के लिए भी टीईटी परीक्षा पास करनी होगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश समेत देशभर के बेसिक शिक्षा विभाग में काम करने वाले लाखों शिक्षक चिंतित हो गए थे।अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर योगी आदित्य नाथ सरकार ने यूपी के शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला लिया है।योगी सरकार शिक्षकों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले को लेकर रिवीजन दाखिल करने जा रही है।
बता दें कि यूपी के कई शिक्षक संगठन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सामने आ गए थे।देशभर के शिक्षक संगठन इस मामले को लेकर एक्टिव हो गए हैं और अपनी-अपनी राज्यों सरकारों पर इस मामले में दखल देने की मांग कर रहे हैं।
इसी बीच आज यूपी सीएमओ की तरफ से यूपी के शिक्षकों को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है।योगी सरकार ने इस मामले को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर उच्चतम न्यायालय में रिवीजन दाखिल करने का फैसला लिया है।
यूपी सीएमओ के एक्स पर आज ट्वीट किया गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है।ट्वीट में आगे लिखा गया है कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है,ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजर अंदाज करना उचित नहीं है।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के भी लाखों सरकारी शिक्षक चिंता में आ गए थे, लेकिन अब योगी सरकार शिक्षकों के समर्थन में फिर कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सीएम योगी के इस निर्णय का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्णय स्वागत योग्य एवं शिक्षक हित में है। उन्होंने अनुरोध किया है कि विभाग द्वारा रिवीजन में जाने से पूर्व एनसीटीई द्वारा यह भी स्पष्ट कराया जाए कि आरटीई-2009 के सेक्शन-23(2) का संशोधन आरटीई लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों पर लागू नहीं होता है।