प्रयागराज।देश को झकझोर देने वाला उमेश पाल हत्याकांड में कुख्यात माफिया अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश राम प्रताप सिंह राणा ने निरस्त कर दी है।उमर ने अपनी जमानत अर्जी में कहा कि हत्याकांड के समय वह जेल में था,उसे रंजिशन फंसाया गया है।
विशेष न्यायाधीश राम प्रताप सिंह राणा ने आदेश में कहा है कि आपराधिक इतिहास और दर्ज मुकदमों को देखते हुए यह नहीं माना जा सकता है कि वह जमानत पर मुक्त होने के पश्चात भविष्य में कोई अन्य अपराध नहीं करेगा।दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अपराध की प्रकृति उसकी गुरुता तथा अपराध में संलिप्तता को देखते हुए जमानत पर छोड़े जाने का पर्याप्त आधार नहीं माना।
मोहम्मद उमर की ओर से दिए गए जमानती प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि 24 फरवरी 2023 को धूमनगंज थाना क्षेत्र में जब यह घटना घटी, उस वक्त वह जेल में निरुद्ध था। घटना में उसकी कोई भागीदारी नहीं थी, उसे रंजिशन फंसाया गया है।उमर ने कहा कि न तो उससे किसी तरह की बरामदगी हुई और न ही ऐसा कोई विश्वसनीय साक्ष्य सामने आया है,जिससे उसे सीधे तौर पर संबंधित अपराध से जोड़ा जा सके।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल को जमानत अर्जी की जानकारी दी गई तो उन्होंने जमानत का विरोध किया। वहीं लोक अभियोजक की ओर से भी जमानत अर्जी निरस्त किए जाने की याचना की गई।
जमानत अर्जी पर न्यायालय में एडीसी विमल पाठक, अखिलानंद द्विवेदी और अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बहस की।वादिनी जयपाल की ओर से बहस करते हुए विक्रम सिन्हा एडवोकेट ने अपराध की गंभीरता और आरोपी के संभावित खतरों पर बल दिया।मुकदमे की विवेचना कर रहे एसीपी धूमनगंज ने यह कहते हुए जमानत का विरोध किया कि जमानत मिलने पर साक्षियों को डराने-धमकाने, साक्ष्य को प्रभावित करने के साथ ही अज्ञात स्थान पर भाग जाने की संभावना है।
बता दें कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या ने देश को झकझोर दिया था।ये खौफनाक हत्याकांड सीसीटीवी में भी कैद हो गया था।इसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की और हत्याकांड में शामिल अतीक के एक बेटे को एनकाउंटर में मार गिराया था।