महज 3.5 लाख हिंदू आबादी वाला ये देश बनाएगा अयोध्या जैसा भव्य राम मंदिर


महज 3.5 लाख हिंदू आबादी वाला ये देश बनाएगा अयोध्या जैसा भव्य राम मंदिर

मनोज बिसारिया | 25 Oct 2025

 

नई दिल्ली।राम नगरी अयोध्या का भव्य राम मंदिर पूरे विश्व में हिन्दू धर्म के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है।दूसरे देशों में भी हिन्दू समुदाय ऐसे ही रामलला मंदिर की ओर आकर्षित हो रहे हैं।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 14 हजार किलोमीटर दूर एक छोटा सा देश है,जिसकी आबादी 14 लाख है,इसमें 65 फीसदी जनसंख्या ईसाइयों की हैं,वो देश अपने यहां भव्य राम मंदिर का निर्माण कराने की तैयारी कर रहा है।इस देश का नाम त्रिनिदाड एंड टोबैगो है और यहां हिंदू आबादी लगभग 3.5 लाख है,ये कैरेबियाई देश खुद को हिंदू धर्म के बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के तौर पर स्थापित करना चाहता है।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक यहां के सार्वजनिक उपयोगिता मंत्री बैरी पदारथ ने ऐलान किया है कि धार्मिक नेताओं से राम मंदिर को लेकर चर्चा हुई और सरकार इसके पक्ष में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अयोध्या से इसी साल रामलला की मूर्ति की प्रतिकृति लाने में मदद करने वालों से भी विचार विमर्श किया है। बता दें कि त्रिनिदाद एंड टोबैगो को अक्सर रामायण कंट्री कहा जाता है,वो भारत के बाहर हिन्दू परंपराओं को सहेजने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है।

हिन्दू धर्म का बड़ा केंद्र

मंत्री बैरी पदारथ ने कहा कि सरकारी अधिकारी मंदिर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सक्रियता से काम कर रहे हैं।ओवरसीज फ्रैंड्स ऑफ राम मंदिर इन न्यूयॉर्क के संस्थापक प्रेम भंडारी ने यहां अयोध्या नगरी बनाने का प्रस्ताव दिया है। मंत्री ने कहा कि यह उत्तरी अमेरिका में हिन्दू भक्तों के लिए बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र होगा।खासकर ऐसे लोगों के लिए जो भगवान राम का दर्शन करने के लिए अयोध्या नहीं जा सकते।भंडारी ने यह प्रस्ताव त्रिनिदाद एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को सौंपा है। बिसेसर खुद भारतीय मूल के नेता हैं।

भागवत कथा और रामायण पाठ

मंत्री पदारथ ने कहा कि यहां 19वीं सदी से पीढ़ी दर पीढ़ी हिन्दू धर्म की परंपराओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।भागवत कथा और रामायण आज भी यहां घर में पूरे भक्ति भाव से पढ़ी जाती है।सरकार का मानना है कि राम मंदिर का प्रोजेक्ट उनके देश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

इस पहल ने म‌ई 2025 में जोर पकड़ा था...

मंत्री बैरी पदारथ ने कहा कि इस पहल ने मई 2025 में उस वक्त जोर पकड़ा था,जब अयोध्या राम मंदिर से रामलला से मिलती जुलती मूर्ति यहां लाई गई थी।त्रिनिदाद एंड टोबैगो में अयोध्या श्री राम आर्गेनाइजेशन के चेयरपर्सन प्रेम भंडारी और अमित अलघ ने इसका समारोह आयोजित किया था। रामलला के दर्शन के लिए वहां हजारों की संख्या में भक्त जुटे थे।

दिवाली के वक्त फैसला

मंत्री पदारथ ने कहा कि भगवान राम के आदर्शों को घर-घर पहुंचाने और आत्मसात करने के लिए ऐसा जरूरी है। त्रिनिदाद एंड टोबैगो सरकार ने यह ऐलान दिवाली के वक्त किया है।दीपावली पर इस देश में भी सार्वजनिक अवकाश रहता है।सरकार राम मंदिर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अगले कुछ महीनों में पूरा खाका पेश करेगी।

रामलला की मूर्ति का अनावरण

एक अनुमान के मुताबिक उस समय पोर्ट ऑफ स्पेन में 10 हजार से ज्यादा भक्त जमा हुए थे।त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भले ही हिंदू जनसंख्या कम हो,लेकिन यहां के जनमानस में हिंदू रीति रिवाज और परंपराएं आज भी रची बसी हैं।सैकड़ों साल पहले ब्रिटिश भारत से हजारों प्रवासी कामगारों को लेकर यहां आए थे,जिन्हें गिरमिटिया मजदूर भी कहा जाता है।

2024 में हुआ अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन

बता दें कि अदालती फैसले के बाद रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को हुआ था। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भव्य राम मंदिर का उद्घाटन मुख्य यजमान बनकर किया था।भव्य राम मंदिर निर्माण में लगभग 2 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।इसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनगरी अयोध्या के कायाकल्प के लिए भी हजारों करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है।


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