किसी के कटे हाथ,किसी की मिली खोपड़ी,यमुना एक्सप्रेसवे हादसे में 19 की मौत,बोन मैरो और दांतों के पल्प से होगी पहचान


किसी के कटे हाथ,किसी की मिली खोपड़ी,यमुना एक्सप्रेसवे हादसे में 19 की मौत,बोन मैरो और दांतों के पल्प से होगी पहचान

धनंजय सिंह | 19 Dec 2025

 

मथुरा।उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बल्देव क्षेत्र में मंगलवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे से भीषण हादसा हो गया।एक के बाद एक 12 बसें और तीन कारें आपस में टकरा गईं।टक्कर लगने के बाद वाहनों में भीषण आग लग गई।हादसे में अब तक 19 लोगों की मौत की हो चुकी है।अपने सफर पर निकले यह लोग अंतिम सफर पर चले गए।

यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे के 15 मृतकों में किसी के हाथ की हड्डी मिली तो किसी के पैर की,किसी की खोपड़ी तो किसी का सिर्फ हड्डी का एक टुकड़ा ही मिला।हादसे के बाद पुलिस के सामने अपनों की पहचान कराने की सबसे बड़ी चुनाैती है।परिजन पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि किसी तरह अस्थियां दिलवा दो।

पुलिस ने मृतकों के डीएनए सैंपल लिए हैं।इनका मिलान परिजन के डीएनए से कराया जाएगा।इस प्रक्रिया को पूरा होने में 15 से 30 दिन का समय लग सकता है।आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नमूने भेजे गए हैं।हडि्डयों के बोन मैरो और दांतों के पल्प के डीएनए से मृतकों की पहचान होने के आसार हैं।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा के डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने 19 लोगों के डीएनए सैंपल भेजे हैं। इनकी जांच कराई जा रही है।इसमें न्यूनतम एक सप्ताह से 15 दिन का समय लग सकता है।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक डाॅक्टर अतुल कुमार मित्तल बताते हैं कि आग से त्वचा,चेहरा,फिंगर प्रिंट सहित अन्य पहचान योग्य अंग पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं।दांतों का पल्प और हडि्डयों का बोन मैरो ही अधिक तापमान में बच जाता है।कई बार हडि्डयां भी कई हिस्सों में टूटकर बिखर जाती हैं,जिससे यह पता नहीं चलता कि यह किस अंग की हैं। ऐसे में पहचान के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया जाता है।वैज्ञानिक रूप से यह महत्वपूर्ण और सटीक है।

डाॅक्टर मित्तल बताते हैं कि डीएनए यानी डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड शरीर की कोशिकाओं और हडि्डयों में पाया जाता है।यह एक अनुवांशिक पदार्थ है। इसकी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में मूल संरचना समान रहती है। यह हमारे माता-पिता और भाई-बहन से मिलता है।अज्ञात मृतकों की पहचान के लिए हड्डी,दांत और बाल की जड़ से डीएनए लिया जाता है।निकाले गए डीएनए का परिजन के डीएनए से मिलान कराया जाता है। डीएनए मिलने पर ही पहचान हो पाती है।

इन संभावित मृतकों के परिजन के डीएनए के लिए नमूना लिया गया

मृतक,परिजन

1. शैलेन्द्र देवपाल (पुरुष, 43), नरेन्द्र भाई निवासी बरूआ, हमीरपुर, थाना मजगाबा।
2. पंकज कुमार (पुरुष, 30), जगदीश पाल पिता निवासी जलरोही हयातनगर, चंदौसी।
3. सलीम खान पुत्र नत्थू खान (पुरुष 58), तबस्सुम पुत्री, कलीम पुत्र निवासी आजाद नगर टीला, इटावा, थाना फ्रेंड्स कॉलोनी।
4. रघुवेन्द्र भगवानदास (पुरुष, 30), अनिरूद्ध कुमार भाई, आर्यन पुत्र निवासी अहीर थाना कुठाउट, जालौन।
5. पार्वती (महिला, 57), आकाश पुत्र निवासी ग्रेटर नोएडा, सेक्टर 87, नोएडा।
6. अनुज श्रीवास्तव (पुरुष 35), उमाकान्त श्रीवास्तव पिता निवासी 8/12 सेवा ग्राम कॉलोनी, राधा नगर, कानपुर, थाना गाेविन्द नगर।
7. जय प्रकाश वर्मा (पुरुष 75), महेंद्र निवासी 117/पी/284 तुलसी नगर, नवीन नगर, कानपुर।
8. भोलू शब्बीर (पुरुष, 26), सितारा बहन, रेशमा पुत्री, धनरोरा रोड, कस्बा बाड़ी, धौलपुर, राजस्थान
9. नरेंद्र (पुरुष 45), राजकुमार भाई, चांदपुर, फतेहपुर।
10. देवेन्द्र कुमार (पुरुष 21), ब्रजभान पिता, हमीरपुर।
11. मोहम्मद सलीम (पुरुष 50), अली अब्बास पुत्र जूही कॉलोनी, थाना किदवई नगर, कानपुर नगर।
12. सुनील कुमार (पुरुष 43), संस्कार पुत्र, अंकिता पुत्री ग्राम इटौरी बुजुर्ग, पोस्ट टंडवा जलाल, आंबेडकर नगर।
13. ऋतिक यादव (पुरुष 26), प्रबल यादव पिता, सुदर्शन पार्क, रमेश नगर, वेस्ट दिल्ली।
14. ऋषभ (पुरुष 16) देवराज पिता, रैपुरा जसपुरा, गडरिया बांदा हैं।


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