प्रयागराज।संगम नगरी में माघ मेला के लिए रेलवे विशेष ट्रेनों के संचालन के साथ बेहतर प्रबंधन के लिए अनूठी योजना बनाई है।माघ मेला में आने वाली करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रबंधित करने के लिए रेलवे ने प्लान-2026 तैयार किया है।इस बार मेले में न तो इंजनों की कमी होगी और न ही स्टाफ की।रेलवे ने तय किया है कि प्रयागराज आने वाली हर ट्रेन में देश के सबसे फिट और बेहतरीन इंजन लगाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं का सफर बिना किसी तकनीकी रुकावट के पूरा हो सके।इन ट्रेनों को चलाने के लिए एनसीआर के पड़ोसी जोनों से कर्मचारी भी आएंगे।
रेलवे बोर्ड ने जोनल मुख्यालयों को सुनाया फरमान
अधिकतर देखा जाता है कि लंबी दूरी तय करने के बाद ट्रेनों के इंजनों को नियमित जांच की जरूरत होती है।माघ मेला के दौरान प्रयागराज के स्टेशनों पर इतना दबाव होता है कि इंजनों की जांच के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल रहता है।इसी चुनौती से निपटने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल मुख्यालयों को फरमान सुनाया है।
प्रयागराज आने पर इंजन को रेस्ट,रिपेयर की नहीं जरूरत
अब उत्तर मध्य रेलवे की ओर आने वाली ट्रेनों में केवल वही इंजन जोड़े जाएंगे,जिनकी सर्विसिंग पहले से पूरी हो चुकी हो। प्रयागराज पहुंचने के बाद इंजन को रेस्ट या रिपेयर की जरूरत नहीं पड़ेगी और वह तुरंत दूसरी ट्रेन लेकर वापस रवाना होने के लिए तैयार रहेगा।
स्पेशल ट्रेन आन डिमांड भी चलेंगी
माघ मेला के दौरान 105 मेमू ट्रेन चलेंगी।पांच रिंग रेल और 10 क्लोन ट्रेन का भी प्रस्ताव तैयार है। इसके अलावा स्पेशल ट्रेन आन डिमांड भी चलेंगी। अतिरिक्त मेमू और स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने पड़ोसी जोन से हाथ मिलाया है।
बुलाई जा रही है अनुभवी लोको पायलटों की टीम
पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर), उत्तर रेलवे (एनआर), पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) और पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) से अनुभवी लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की एक बड़ी टीम प्रयागराज बुलाई जा रही है।ये वो लोको पायलट होंगे जिन्हें विशेष रूप से रास्तों की जानकारी और साइको टेस्ट के बाद ही इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया है।
श्रद्धालुओं को ट्रेन से आवागमन में नहीं होगी कोई परेशानी
उम्मीद जताई जा रही है कि माघ मेले में आने वाली करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ के प्रबंधन के लिए रेलवे का प्लान-2026 बेहद कारगर साबित होगा।तकनीकी रूप से दुरुस्त इंजन होने से रास्ते में फेलियर की संभावना खत्म हो जाएगी। वहीं अतिरिक्त स्टाफ होने से ट्रेनों के संचालन में देरी नहीं होगी।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह प्रबंध किया जा रहा है ताकि उन्हें ट्रेन से आवागमन में कोई परेशानी न हो।