केजीएमयू के डॉक्टरों पर बड़ा आरोप,साथी डॉक्टरों संग कैंपस में शारीरिक शोषण,बनाया जा रहा था कट्टरपंथी


केजीएमयू के डॉक्टरों पर बड़ा आरोप,साथी डॉक्टरों संग कैंपस में शारीरिक शोषण,बनाया जा रहा था कट्टरपंथी

धनंजय सिंह | 26 Dec 2025

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगे हैं। पैथोलॉजी विभाग के कुछ डॉक्टरों पर आरोप लगाया गया कि वो डिपार्टमेंट में लोगों को कट्टरपंथी बना रहे हैं। केजीएमयू के डॉक्टर धार्मिक स्पीच दे रहे हैं।डॉक्टरों पर ये आरोप नेशनल मेडिकोज आर्गेनाईजेशन (एन‌एम‌ओ) ने लगाए हैं।केजीएमयू प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। 

किया जा रहा था शारीरिक शोषण

पैथोलॉजी विभाग की एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर ने अपने सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर रमीज पर आरोप लगाया था कि वो उसका शारीरिक शोषण कर रहा था,शादी के लिए धर्मांतरण का दबाव बना रहा था।महिला की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और डॉक्टर रमीज को केजीएमयू से सस्पेंड कर दिया गया है। 

महिलाओं और पुरुषों को बनाया जा रहा था कट्टरपंथी

इस मामले में एन‌एम‌ओ ने वाइस चांसलर के ऑफिस पर शिकायतें दबाने का आरोप लगाया है।डॉक्टरों ने कहा कि पैथोलॉजी विभाग में महिलाओं और पुरुषों को रेडिकलाइज किया जा रहा है और चुपके-चुपके जबरन धार्मिक स्पीच सुनाई जा रही है। 

आरोपी डॉक्टर ने इन सब को बताया गलत

एन‌एम‌ओ ने पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर वाहिद अली पर भी रेडिकलाइज करने के आरोप लगाए।वाहिद ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि वो 17 साल से केजीएमयू में है, उनका एकेडमिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है।उन्हें कई अवार्ड भी मिले हैं। 

आरोप लगाने वाले केजीएमयू से बाहर के

प्रोफेसर वाहिद अली ने कहा कि वो खुद ही पांच टाइम की नमाज नहीं पढ़ते हैं,उनकी हुलिया नहीं है धार्मिक तकरीर करने की और न ही उनकी लैब में जगह है।आरोप लगाने वाले केजीएमयू से बाहर के हैं। 

 केजीएमयू की छवि हो रही खराब

केजीएमयू प्रशासन ने इसे निराधार बताया और कहा कि इससे केजीएमयू की छवि खराब हो रही है। इस पूरे मामले में कोई साक्ष्य नहीं मिला है। पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है।


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