इस्लाम में नए साल का जश्न नाजायज, 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी होती है:मौलाना शहाबुद्दीन


इस्लाम में नए साल का जश्न नाजायज, 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी होती है:मौलाना शहाबुद्दीन

धनंजय सिंह | 29 Dec 2025

 

बरेली।नए साल का जश्न मनाने के लिए देशभर में तैयारियां चल रही हैं।नए साल के स्वागत से ठीक पहले सोमवार को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा जारी किया है। मौलाना ने इस्लामी शरीयत के आधार पर अंग्रेजी नव वर्ष का जश्न मनाना पूरी तरह नाजायज और हराम करार दिया है।मौलाना ने अपने फतवे में स्पष्ट किया कि जनवरी में शुरू होने वाला नया साल ईसाई समुदाय का धार्मिक आयोजन है,जो ईसाई नववर्ष की शुरुआत दर्शाता है।

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि शरीयत की रोशनी में इस तरह के जश्न मनाना,एक-दूसरे को मुबारकबाद देना,पार्टी आयोजित करना,नाच-गाना,पटाखे फोड़ना,शोर-शराबा मचाना या कोई भी फिजूलखर्ची करना इस्लाम में सख्त मना है। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों के लिए ऐसे गैर-इस्लामी रिवाजों में शामिल होना गुनाह है।

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने मुस्लिम युवक-युवतियों को खास तौर पर संबोधित करते हुए अपील की कि वे इस तरह के आयोजनों से पूरी तरह दूर रहें।मौलाना ने जोर देकर कहा कि मुसलमानों का अपना इस्लामी कैलेंडर है,जिसकी शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है,इसी तरह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र मास से मानी जाती है,इसलिए किसी भी समुदाय को गैर-धार्मिक या अन्य धर्मों से जुड़े नव वर्ष के जश्न में भाग नहीं लेना चाहिए।

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने इस फतवे को इस्लामी विद्वानों की जिम्मेदारी बताते हुए जारी किया। मौलाना का कहना है कि उलमा-ए-इकराम की यह जिम्मेदारी है कि वे मुसलमानों को किसी भी प्रकार की भटकाव वाली गतिविधियों से बचाएं और शरीयत के सच्चे रास्ते पर चलने की हिदायत दें। बता दें कि मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी का यह फतवा ऐसे समय में जारी हुआ है जब पूरे देश में नए साल के जश्न की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।


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