जब भारी पड़ी प्रशंसकों की चाहत


फिल्मी सितारों के प्रशंसक अपने चहेतों से मिलने या अपनी बात उनसे रूबरू हो कर कहने के लिए कई तरह की हरकतें करते आए हैं। बॉलीवुड के तमाम कलाकारों को इसका सामना करना पड़ता है। कई बार तो कुछ कलाकार ऐसी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। कई बार उन्हें गुस्सा भी आ जाता है। एक प्रशंसक की अपने पसंदीदा फिल्मी सितारे पर बनी फिल्म ‘फैन‘ भी इसका सबूत है।

Narinder Devangan | 09 Nov 2021

 

फिल्मी सितारों के प्रशंसक अपने चहेतों से मिलने या अपनी बात उनसे रूबरू हो कर कहने के लिए कई तरह की हरकतें करते आए हैं। बॉलीवुड के तमाम कलाकारों को इसका सामना करना पड़ता है। कई बार तो कुछ कलाकार ऐसी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। कई बार उन्हें गुस्सा भी आ जाता है। एक प्रशंसक की अपने पसंदीदा फिल्मी सितारे पर बनी फिल्म ‘फैन‘ भी इसका सबूत है।

आइए, जानते हैं कि फिल्मी सितारों के साथ उनके प्रशंसकों ने कैसी-कैसी हरकतें की और फिर सितारों ने क्या किया।

दीवार फांद लिया:  अमिताभ बच्चन के बंगले ‘जलसा‘ के अंदर जब बिहार का एक नौजवान गायक बनवारी लाल यादव दीवार फांद कर उनसे मिलने इसलिए घुसा कि वह अमिताभ बच्चन के लिए भोजपुरी गीत गाना चाहता था, तो सिक्योरिटी वालों के होश उड़ गए। आनन-फानन पुलिस को फोन किया गया और उसे गिरफ्तार कर पुलिस लॉकअप में रखा गया। हालांकि अमिताभ बच्चन उस नौजवान गायक को ज्यादा सजा नहीं देना चाहते थे पर बाद में कोई इसे न दोहराए, इसलिए सुरक्षा के नजरिए से ऐसा करना पड़ा।

बैठा रहा इंतजार में:  गायिका लता मंगेशकर एक बार एक सम्मेलन मंे आई थीं। उससे पहले जब वे होटल में ठहरी थीं तो एक प्रशंसक सुबह से उनसे मिलने की कोशिश मंे होटल के नीचे उनका इंतजार कर रहा था। लता को जब यह बात पता चली तो वे खुद नीचे उतर कर उससे मिलने आ गईं। उनका कहना था कि आज वे जहां पर हैं, उसकी वजह उनके प्रशंसक हैं, इसलिए उनकी कद्र करना उनका फर्ज है।

ऑपरेशन के दौरान मौत:  शाहरूख खान ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि जब उनकी पीठ की सर्जरी अमेरिका में हो रही थी तो एक अफ्रीकन औरत बार-बार उन्हें ऐसा करने से मना कर रही थी क्योंकि उसने सपने में उसे टेबल पर ऑपरेशन के दौरान मरते हुए देखा है। यह बात वह प्रशंसिका बार-बार फोन से मैसेज कर कह रही थी। पहले तो शाहरूख खान ने ध्यान नहीं दिया पर जब फॉर्म पर दस्तखत करने की बात आई तो थोड़ी देर के लिए उनके हाथ कांप उठे थे कि कहीं उस औरत की कही बात सच न हो।

लड़की कांपने लगी: अभय देओल बताते हैं कि प्रशंसक की जरूरत हर कलाकार को होती है जो बिना किसी शर्त के उनके काम की तारीफ करते हैं। उनकी इज्जत हमेशा हर कलाकार को करनी चाहिए। एक बार एक मॉल में एक लड़की अभय देओल को देख कर कांपने लगी तो वे डर गए कि इसे हुआ क्या है। उन्होंने धीरे-धीरे उसे सामान्य किया।

मुझे देखते हैं:  जैकलीन कहती हैं, ‘मैं अपने प्रशंसकों को हमेशा थैंक्स कहती हूं। उन्होंने हर वक्त मेरा साथ दिया। मेरी फिल्में चलें या न चलें, वे हमेशा मुझे देखते हैं।‘

फिल्म का हीरो:  जैकलीन फर्नांडीस बताती हैं, ‘एक प्रशंसक ने तो इतना कहा था कि वह मेरी फिल्म को ही बार-बार देखता है और अपने आपको उस फिल्म का हीरो समझता है।‘

मार डालने की धमकी:  सुष्मिता सेन कहती हैं कि एक प्रशंसक उन्हें बार-बार महंगे सामान भेजता था। हद तो तब हुई, जब उसने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया और दुल्हन का लिबास भेज दिया। उसे स्वीकार न करने पर मार डालने की धमकी दी। ऐसा देख कर सुष्मिता सेन ने पुलिस का सहारा लिया।

गर्दन पकड़ ली: एक बार एक प्रशंसक ने रितिक रोशन के करीब आ कर इतनी जोर से उनकी गर्दन पकड़ ली कि उनके बाउंसर ने बड़ी मुश्किल से छुड़ाया। वह रितिक से गले मिलना चाहता था।

माता-पिता को कॉल किया:  जॉन अब्राहम कहते हैं, ‘एक फैन मुझसे मिलने की इ्रच्छा रखता था। जब मैंने मना किया तो वह मेरे माता-पिता को कॉल करने लगा। मजबूर हो कर मैंने पुलिस को इसकी सूचना दी।‘

भूख हड़ताल पर: साल 2010 में कंगना राणावत का एक प्रशंसक भूख हड़ताल पर इसलिए बैठ गया क्योंकि उसने एक चिट्ठी लिखी थी जिसे कंगना को पढ़ना था। कंगना ने चिट्ठी ली और वह आदमी वहां से चला गया।


प्रशंसक जरूरी हैं:  जरीन खान कहती हैं, ‘प्रशंसकों का होना जरूरी है पर आजकल के प्रशंसक इतने ज्यादा उग्र स्वभाव के हो चुके हैं, इसलिए मुझे सिक्योरिटी रखनी पड़ती है।‘

प्रशंसकों की सोच सही नहीं:  जिम्मी शेरगिल कहते हैं कि प्रशंसक जरूरी हैं लेकिन उन्हें एक सीमा में रहना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उनकी सोच सही नहीं है।

ऑटोग्राफ से खुश: यह बात सही है कि बीते जमाने में केवल कुछ बड़े कलाकार ही सिक्योरिटी रखते थे। तब लोग उनके पास ज्यादा नहीं आ पाते थे। प्रचार करने का तरीका अलग था। वे एक आटोग्राफ से ही खुश हो जाते थे। अब तो सभी को सिक्योरिटी रखनी पड़ती है। 

मीडिया असरदार:  सिक्योरिटी की आवश्यकता का कारण सोशल मीडिया का असरदार होना है। अब प्रचार-प्रसार के तौर-तरीके भी बदल गए हैं। लोगों के बीच में कलाकार खूब जाते हैं, जिससे प्रशंसकों को उनसे मिलने का मौका मिल जाता है। स्मार्टफोन से फोटो खींचने का चलन का होना भी आज की समस्या है। इसका असर कलाकारों पर पड़ता है।

क्रेजी होना ठीक नहीं: इस सिलसिले में मनोवैज्ञानिक संजय मुखर्जी कहते हैं कि प्रशंसकों का होना अच्छा है और हर कोई किसी कलाकार, लेखक, पेंटर वगैरह का प्रशंसक होता है। यह आम बात है लेकिन क्रेजी होना ठीक नहीं।

 

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