मेरी ब्यूटी नेचरल है - कियारा आडवानी


साइकालोजी में ग्रेजुएट कियारा आडवानी ने कुछ वक्त तक अपनी मम्मी के स्कूल में पढ़ाने की नौकरी की लेकिन उनके दिल के किसी कोने में कहीं न कहीं एक्टिंग के लिए दिलचस्पी थी, इसलिए उन्हें यह सब कुछ पसंद नहीं आया। यही वजह रही कि कियारा ने एक्टिंग के लिए, हाथ पैर चलाने शुरू कर दिये।

सुभाष शिरढोनकर | 16 Nov 2021

 

बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत और टेलेंटेड कियारा आडवानी का जन्म 31 जुलाई, 1992 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता जगदीप आडवानी एक बिजनेसमैन हैं और मां एक स्कूल की प्रिंसीपल हैं।

साइकालोजी में ग्रेजुएट कियारा आडवानी ने कुछ वक्त तक अपनी मम्मी के स्कूल में पढ़ाने की नौकरी की लेकिन उनके दिल के किसी कोने में कहीं न कहीं एक्टिंग के लिए दिलचस्पी थी, इसलिए उन्हें यह सब कुछ पसंद नहीं आया। यही वजह रही कि कियारा ने एक्टिंग के लिए, हाथ पैर चलाने शुरू कर दिये।

थोड़े स्ट्रगल के साथ कियारा आडवानी को कबीर सदानन्द द्वारा निर्देशित ’फगली’ (2014) मिल गई, जिसमें वह जिमी शेरगिल के अपोजिट मेन लीड में थी। इसके दो साल बाद, वे ’एमएस धोनीःएन अनटोल्ड स्टोरी’ (2016) में नजर आई। इसके साथ ही उन्हें बॉलीवुड में पहचान मिल गई। फिल्म में उनके काम की अत्यधिक प्रशंसा हुई।

कियारा आडवानी द्वारा अभिनीत अब्बास मस्तान की ’मशीन’ (2017) नहीं चली लेकिन वेब सिरीज ’लस्ट स्टोरीज (2018) की महत्वपूर्ण भूमिका में कियारा ने हंगामा ही मचा दिया। उसके बाद उन्हें तेलुगु फिल्म ’भारत अने नेनू’ (2018) मिली। 

शाहिद कपूर के अपोजिट कियारा आडवानी की ’कबीर सिंह’ सबसे बड़ी हिट साबित हुई। उसके बाद से ही वह जबर्दस्त डिमांड में हैं। प्रस्तुत हैं उनके साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश

कहा जाता है कि ’कबीर सिंह’ में आप मेकर की पहली पसंद नहीं थी बल्कि वह ऑफर पहले तारा सुतारिया के पास गया था ?

मुझे इस बात की जानकारी नहीं है लेकिन यदि ऐसा है भी तो इसमें खास बात क्या है ? इस तरह की बातें तो आये दिन हर एक्टर के साथ होती रहती हैं। कोई एक्टर किसी ऑफर को, किसी वजह से स्वीकार नहीं कर पाता। ऐसे में आखिर कोई दूसरा एक्टर तो उसे स्वीकार करेगा ही।


आप निजी जिंदगी में बेहद ग्लैमरस हैं और आपको फिल्मों में ज्यादातर इसी तरह के किरदार ऑफर हो रहे हैं ?

बिलकुल, और इसका सबसे बड़ा फायदा मुझे यह होता है कि मुझे अपने टचअप के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता। मेरी जो ब्यूटी आप देख रहे हैं, वह नेचुरल है। मुझे बाहरी साधनों का इस्तेमाल न के बराबर करना पड़ता है। इसलिए मुझे शूटिंग के बाद मेकअप हटाने का भी सिरदर्द नहीं है।

यदि आपको ग्लैमरस किरदारों से अलग कभी कोई चुनौतीपूर्ण नॉन ग्लैमरस किरदार मिला तो क्या उसे इसी खूबी के साथ निभा सकेंगी ?

क्या कबीर सिंह में मेरा किरदार नॉन ग्लैमरस और चैलैंजिंग नहीं था ? और मुझे लगता है कि उसमें मुझे और मेरे काम को दूसरी फिल्मों के कंपेरिजन में ज्यादा पसंद किया गया।

कबीर सिंह के दौरान शाहिद कपूर, और विक्रम बत्रा की बायोपिक के दौरान आपका नाम फिल्म के हीरो सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ जोड़ा गया। इस तरह की खबरों में कितनी सच्चाई है ?

शाहिद शादीशुदा हैं। प्लीज़ उन्हें इन सारी बातों से बक्श दीजिए। सभी जानते हैं कि मीडिया इस तरह की चटपटी खबरें बनाने के मामले में एक्सपर्ट होता है। मैं एक बात साफ साफ कह देना चाहती हूं कि रोमांस, अफेयर और डेटिंग जैसी चीजों के लिए मेरे पास जरा भी फुर्सत नहीं है क्योंकि मैंने अपना सारा फोकस अपने काम पर कर रखा है।

राघव लॉरेंस निर्देशित अक्षय कुमार स्टॉरर ’लक्ष्मी’ से आपको काफी उम्मीदें थीं लेकिन वह फिल्म ऑडियंस को पसंद नहीं आई ?

मुझे लगता है कि ’लक्ष्मी’एंटरटेनमेंट के लिए नहीं बनाई गई थी। वह एक मैसेजफुल फिल्म थी और ऐसे में जो लोग उसे सिर्फ एंटरटेनमेंट के इरादे से देखने गये, शायद उन्हें निराशा हुई होगी।

इस वक्त इंडस्ट्री में जितनी भी एक्ट्रेस हैं, उनमें से अधिकांश एक दूसरी की कॉपी नजर आती हैं। आप इसे लेकर क्या सोचती हैं ?

मैं इसके बारे में अपनी कोई राय व्यक्त करना नहीं चाहती। जहां तक मेरी बात है, मैं अपना मनपसंद काम चुन रही हूं और मुझे किसी के जैसा बनने, या किसी की कॉपी करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। 

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