22 जुलाई को राष्ट्रीय झंडा दिवस घोषित करने की मांग


हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि 22 जुलाई का दिन राष्ट्रीय झंडा दिवस के तौर पर घोषित किया जाए। तिरंगा हमारे त्याग बलिदान और देश की आस्था का प्रतीक है।

मनोज बिसारिया | 22 Jun 2022

 

हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि 22 जुलाई का दिन राष्ट्रीय झंडा दिवस के तौर पर घोषित किया जाए। तिरंगा हमारे त्याग बलिदान और देश की आस्था का प्रतीक है।

बुधवार को नयी दिल्ली के कॉन्सटीट्यूशन क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री मधुर ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय दिवस 22 जुलाई 1947 को अपने वर्तमान स्वरूप एवं विशिष्ट मानदंडों के रूप में अस्तित्व में आया था, जिसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में भारत की संविधान सभा ने मान्यता दी थी। दुनिया के आज तमाम देशों में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है, जबकि भारत में जहाँ कि तिरंगे की आन-बान-शान की ख़ातिर हमारे शहीदों ने क़ुर्बानियाँ दीं, हमारा अपना कोई राष्ट्रीय ध्वज दिवस नहीं है। संवाददाताओं से बातचीत में श्री मधुर शील ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से अपनी सामाजिक संस्था, सादर इंडिया के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का काम कर रहे हैं। बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के अवसर पर श्री मधुर ने तिरंगा मेरी शान नामक ऐप का भी शुभारंभ किया जिसमें कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है।

सादर इंडिया आगामी 15 अगस्त तक घर-घर जाकर इस बारे में जागरूकता अभियान चलाएगी जिसमें स्कूली बच्चों व छात्रों की भी सहायता ली जाएगी। साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से भी लोगों को तिरंगे के महत्व व इससे जुड़ी बातों की जानकारी दी जाएगी। इस सम्मेलन में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित खेल जगत की सुश्री पूनम चोपड़ा के अलावा जूडो के राष्ट्रीय खिलाड़ी व कोच यामीन ख़ान भी शामिल थे।

श्री शील मधुर इस बारे में एक ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य गणमान्य जन को भी सौपेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमृत-महोत्सव के अवसर पर सरकार उनकी बात पर अवश्य ग़ौर करेगी।


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