डॉ एम एस स्वामीनाथन का निधन :- नहीं रहा किसानों का हितचिंतक


स्वामीनाथन जी की अंतिम इच्छा थी कि उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के  अनुरूप किसानों को वास्तविक लागत (सीटू+ एफएल) आदि सभी खर्चो को जोड़कर उसके ऊपर  पचास प्रतिशत लाभ जोड़कर , समुचित सही "न्यूनतम समर्थन मूल्य" तय करके यह 'न्यूनतम समर्थन मूल्य'  देश की सभी कृषि उपजों पर देश के प्रत्येक किसान को दिया जाए।  यह एक "सक्षम न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून" से ही संभव हो सकता है।

डॉ. राजाराम त्रिपाठी | 28 Sep 2023

 

किसानों के लाडले, हरित क्रांति के पुरोधा  'डॉ. एम एस स्वामीनाथन' के निधन के साथ ही भारतीय कृषि के एक युग का पटाक्षेप हो गया है। यह अपूरणीय क्षति है। डॉ स्वामीनाथन ने अपनी पूरी जिंदगी देश की कृषि तथा किसानों को दे दी, तथा अपने अंतिम पलों तक किसान हित में तथा किसानों को उनके उत्पादन का वाज़िब मूल्य की गारंटी दिलाने  हेतु सदैव सक्रिय रहे। स्वामीनाथन जी की अंतिम इच्छा थी कि उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के  अनुरूप किसानों को वास्तविक लागत (सीटू+ एफएल) आदि सभी खर्चो को जोड़कर उसके ऊपर  पचास प्रतिशत लाभ जोड़कर , समुचित सही "न्यूनतम समर्थन मूल्य" तय करके यह 'न्यूनतम समर्थन मूल्य'  देश की सभी कृषि उपजों पर देश के प्रत्येक किसान को दिया जाए।  यह एक "सक्षम न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून" से ही संभव हो सकता है। इसलिए मोदी जी से तथा उनकी सरकार से, हम देश के सभी किसान निवेदन करते हैं कि, डॉ एम एस स्वामीनाथन' के निधन पर घड़ियाली आंसू बहाने के बजाय सरकार भारत मां के इस सच्चे सपूत की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए तत्काल सक्षम "एमएसपी गारंटी कानून" लेकर आए, तभी उनकी आत्मा को सच्ची शांति मिलेगी, और यही उनके लिए सरकार की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

हम सब देश के किसान उन्हें भारी मन से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।

हमारा दृढ़ विश्वास है कि जहां भी होंगे वहां अमन चैन और खुशियाली और हरियाली अवश्य होगी।

 

डॉ राजाराम त्रिपाठी

राष्ट्रीय प्रवक्ता : न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून मोर्चा,

राष्ट्रीय संयोजक : अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा)


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