बारिश के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आया कोहरा,खराब फसलों को लेकर किसानों में माथे पर चिंता की लकीर
मनोज बिसारिया | 04 Mar 2024
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में शनिवार-रविवार को हुई बारिश-आंधी के बाद सोमवार को मौसम ने ठंड का एहसास कराया।ग्रामीणों इलाकों में सुबह कोहरा नजर आया, जिससे लोग घरों में ही दुबके रहे।बारिश से किसानों का अधिका नुकसान हुआ है।चना,अरहर और मसूर की खेती बर्बाद हो गई।इस बारिश से कोहड़ा, टमाटर, नेनुआ और लौकी की फसलें भी प्रभावित होंगी। इनमें फंगस लग जाने से सब्जियां खराब हो जाएंगी।इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई दे रही है।ढाब क्षेत्र के खेतों में कहीं-कहीं खेतों में पानी भर जाने से टमाटर, कद्दू और लौकी की खेती का नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि पानी भरने से फसलें खराब हो जाएंगी।
किसान रामजनम बताते हैं कि ऐसी बारिश से अरहर, चना, मसूर की कलियों में बाला लग जाता है। धूप होने पर खराब कलियां सूखकर गिर जाती हैं।रामजनम बताते हैं कि इस बारिश से आम की फसलों का फायदा होगा।आलू की खेती कर रहे किसान बताते हैं कि इस बारिश से फसल सड़ जाने की संभावना है। एक-दो बार और बारिश हो गई तो सारी कमाई और सपने बेकार हो जाएंगे।इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की फसलों को हुआ है।खेतों में काटकर रखे गए सरसों भी भींग गए हैं।एक-दो दिन के दौरान खेतों में गेहूं की फसलें भी लोट गई हैं।
बता दें कि बेमौसम हुई बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रविवार को हुई बारिश और हवा से सरसों की फसल को 15 से 20 फीसदी नुकसान की संभावना है।गेहूं और सब्जियों की फसल पर भी असर पड़ेगा। फरवरी के बाद इस माह भी तेज हवा व बारिश हुई है। इससे दलहनी और तिलहनी और सब्जियों पर ज्यादा असर पड़ा है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि सरसों की फसल पक चुकी है, ऐसे मौसम से नुकसान की संभावना है। दाने छोटे होने से उत्पादन में 20 फीसदी गिरावट होगी। उन्होंने बताया कि टमाटर, बैगन, गोभी आदि सब्जियों में कीड़े लग जाएंगे।कीड़े लग रहे फसलों को बचाने के लिए मौसम साफ होने पर किसान स्ट्रेप्टो साइकीन (6 ग्राम) और कॉपरऑक्सी क्लोराइट (200 ग्राम) का 150 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ में छिड़काव कर सकते हैं।
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