मैनपुरी।लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। भारतीय जनता पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत का दंभ भर रही है। भाजपा ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की 10वीं लिस्ट जारी की।इस लिस्ट में यूपी के सात प्रत्याशियों की घोषणा की गई है।भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट आई तो कई तरह की अटकलों पर विराम लग गया।कभी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को चुनौती देने वाली भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य मैनपुरी से चुनाव नहीं लड़ेंगी। भाजपा ने मैनपुरी से भी संघमित्रा को टिकट नहीं दिया है।
लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान मचा है।साथ ही टिकट को लेकर नेताओं के अंदर तूफान भी चल रहा है,जिनको टिकट मिल रहा है उनके मन में जीतने के लिए और जिनका टिकट कटा है उनके मन में सियासी भविष्य को लेकर ऊहापोह की हालत है।हाल ही में उत्तर प्रदेश की कई लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को लेकर काफी चर्चा रही है। सबके मन में एक ही सवाल रहा कि यहां से कौन।
ऐसी ही एक मैनपुरी लोकसभा सीट है।सियासी पंडित कई तरह के आकलन करते रहे।आकलन के बीच बदायूं की मौजूदा भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य का निकलकर आया।अटकलें लगाई जाने लगीं कि भाजपा डिंपल यादव के सामने संघमित्रा को चुनावी में उतार सकती है।
इन अटकलों को लेकर पत्रकारों ने एक जनसभा में संघमित्रा मौर्य से सवाल किया कि क्या वह मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी। इस पर संघमित्रा ने बिना किसी संकोच उत्तर दिया कि यदि पार्टी मैनपुरी से टिकट देती है तो वह वहां भी कमल खिला देंगी। संघमित्रा के इस उत्तर के पीछे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा साफ नजर आ रही थी,जो स्वाभाविक किसी भी नेता के अंदर होती है।
इससे पहले जब भाजपा ने संघमित्रा मौर्य का संसदीय क्षेत्र बदायूं से ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी घोषित किया था तब वह निराश थीं। संघमित्रा की यह निराशा उस समय सामने भी आ गई जब खुले मंच पर उनकी आंखों से आंसू की धारा बहने लगी। बरहाल बदायूं में भाजपा प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य के चुनाव-प्रचार में संघमित्रा की लगातार सक्रियता दिखी।
जब मैनपुरी से संघमित्रा मौर्य की दावेदारी की चर्चा हुई तो एक बार फिर निराशा के सागर से बाहर निकलीं।अब बुधवार को भाजपा ने मैनपुरी से योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है।इसके बाद संघमित्रा की आखिरी उम्मीद निराशा के सागर में डूब गई।जाहिर है भाजपा ने संघमित्रा को झटका दिया है।बरहाल अभी इस पर संघमित्रा की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बताते चलें कि संघमित्रा मौर्य वर्तमान में बदायूं से भारतीय जनता पार्टी से सांसद हैं। संघमित्रा चुनावी वैज्ञानिक स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। संघमित्रा ने 20219 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था। 2014 में संघमित्रा ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद संघमित्रा ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
बता दें कि मैनपुरी लोकसभा कुल 1787147 मतदाता हैं। इनमें यादव 456235,शाक्य 312912,ठाकुर
211530,ब्राह्मण 127427,लोधी 116325,वैश्य73261,मुस्लिम70221,बघेल 71713
अनुसूचित जाति के 162220 मतदाता हैं।