लखनऊ।लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद पूर्वांचल की राजनीतिक युद्ध दिनों-दिन काफी दिलचस्प होता जा रहा है।वैसे तो इस चुनावी युद्ध में खासतौर से भाजपा नीत एनडीए और कांग्रेस-सपा नीत विपक्षी इंडिया गठबंधन हैं।पर बीते दिनों यूपी की राजनीति में कुछ ऐसा हुआ जो अब इन दोनों सियासी गठबंधनों के लिए चुनौती बन गया है।
दरअसल बीते दिनों समाजवादी पार्टी के पिछड़ा-दलित और अल्पसंख्यक को अपना दल(कमेरावादी)और एआईएमआईएम ने नई राजनीतिक चुनौती दे दी। सपा गठबंधन से अलग हुई अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश के पीडीए के खिलाफ पिछड़ा, दलित और मुसलमान (पीडीएम)बना दिया।अब पल्लवी पटेल और ओवैसी इसी के सहारे सपा को बड़ी चुनौती पेश करने जा रहे हैं।
बता दें कि पल्लवी पटेल और ओवैसी का पीडीएम गठबंधन पूर्वांचल में अखिलेश और भाजपा का गेम खराब करने का भरपूर प्रयास कर रहा है।अपना दल पूर्वांचल की कुर्मी बहुल्य लोगों सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में जुटा है।
मिली जानकारी के मुताबिक 5 से 7 लोकसभा सीटों पर पल्लवी पटेल का गठबंधन चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है। पल्लवी पटेल का गठबंधन का लक्ष्य सबसे अधिक उन सीटों पर हैं,जहां कुर्मी मतदाता की संख्या सबसे ज्यादा है और वह निर्णायक भूमिका में हैं।सूत्रों के मुताबिक पल्लवी पटेल गठबंधन मिर्जापुर, कौशांबी, फूलपुर, रॉबर्ट्सगंज, प्रतापगढ़ और गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक खुद पल्लवी पटेल भी फूलपुर लोकसभा से चुनाव लड़ सकती हैं।फूलपुर लोकसभा पल्लवी पटेल के पिता और अपना दल संस्थापक सोनेलाल पटेल की कर्मभूमि रही हैं।इस लोकसभा में कुर्मी मतदाता निर्णायक भूमिका में भी हैं, लेकिन इस लोकसभा से 2019 के लोकसभा चुनाव में पल्लवी पटेल के पति कांग्रेस से लड़े थे और तीसरे नंबर पर रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक अपना दल (कमेरिवादी)की प्रमुख कृष्णा पटेल खुद गोंडा या प्रतापगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़ सकती हैं।अपना दल (कमेरावादी)का पूरा प्लान है कि पूर्वांचल की कई लोकसभा सीटों पर भाजपा और सपा को सख्त मुकाबला दिया जाए और पूर्वांचल के चुनाव को दिलचस्प बनाया जाए। पल्लवी पटेल की इस रणनीति से पूर्वांचल का मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।